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Loksabha Election 2024: संभल संसदीय सीट पर क्या है चुनावी इतिहास आइए जानते हैं?

Loksabha Election 2024: Let us know what is the election history of Sambhal parliamentary seat

Loksabha Election 2024: Let us know what is the election history of Sambhal parliamentary seat

संभल जिला उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत आने वाला एक जिला है। 28 सितंबर 2011 को राज्य के तीन नए जिलों में से एक के रूप में इसकी आधिकारिक घोषणा की गई थी। इससे पहले संभल का नाम “भीमनगर” रखा गया था। तो सतयुग में इस जगह का नाम सत्यव्रत था, त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल तो कलयुग में सम्भल नाम से जाना जाता है।

मध्यकाल में सम्भल का सामरिक महत्त्व बहुत ज्यादा बढ़ गया, क्योंकि यह आगरा व दिल्ली के पास स्थित है। यह स्थान बाबर के आक्रमण के समय अफ़गान सरदारों के हाथ में थी। बाबर ने हुमायूँ को संभल की जागीर सौंप दी पर बिमार होने के कारण वह आगरा लाया गया। इस प्रकार बाबर के बाद हुमायूँ ने साम्राज्य को भाइयों में बाँट दिया और सम्भल अस्करी के पाले में चला गया। इसके बाद शेरशाह सूरी ने हुमायूँ सूरी को खदेड़ कर अपने दामाद मुबारिज़ ख़ाँ को सम्भल की सत्ता सौंप दिया। अब्बास ख़ाँ शेरवानी के अनुसार बाबर के सेनापतियों ने यहाँ कई मन्दिरों को खंडित किया था और जैन मूर्तियों को भी खण्डिन कर दिया था।

संभल का संसदीय इतिहास

वर्ष सांसद पार्टी
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1977      शांति देवी                   भारतीय लोकदल
1980     बिजेंद्र पाल                सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस
1984     शांति देवी                  इंडियन नेशनल कांग्रेस
1989     श्रीपाल सिंह               यादव जनता दल
1991     श्रीपाल सिंह यादव        जनता दल
1996    डीपी यादव बहुजन      समाज पार्टी
1998     मुलायम सिंह यादव      समाजवादी पार्टी
1999      मुलायम सिंह यादव      समाजवादी पार्टी
2004      रामगोपाल यादव        समाजवादी पार्टी
2009     शफीकुर्रहमान बर्क     बहुजन समाज पार्टी
2014      सत्यपाल सिंह सैनी          भारतीय जनता पार्टी

2019 में आम चुनाव का यहां से क्या रहा परिणाम

सपा के शफीकुर रहमान बर्क को 6,58,006 वोट मिले
बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी को 4,83,180 वोट मिले
कांग्रेस के मेजर जगत पाल सिंह को यहां से 12,105 वोट मिले

2024 में इस सीट से कौन-कौन हैं उम्मीदवार

भाजपा प्लस प्रत्याशी ने इस बार इस सीट से परमेश्वर लाल सैनी को उतारा है।
सपा प्लस गठबंधन ने इस सीट से जियाउर्रहमान बर्क के प्रत्याशी के रूप में उतारा है।
बसपा ने शौलत अली के संभल सीट से प्रत्याशी के रूप में उतारा है।

शफीकुर रहमान बर्क के बारे में

शफीकुर रहमान बर्क (11 जुलाई 1930 – 27 फरवरी 2024) समाजवादी पार्टी से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुरादाबाद और फिर 2019 में संभल से लोकसभा के लिए प्रत्याशी के रूप में चुने गए। उन्होंने 2019 में 1 करोड़ 32 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की थी।

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का फरवरी में 94 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुरादाबाद के सिद्ध हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांस ली और खुदा को प्यारे हो गए। बता दें कि कुछ समय से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। उन्हें शारीरिक कमजोरी और लूज मोशन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां के डॉक्टरों ने उन्हें किडनी में इन्फेक्शन की समस्या बताई थी।

संभल में क्या मशहूर है?

एक संभलपुर उड़ीसा में भी है, यहां भी मां संभलेश्वरी देवी का मंदिर है, यहां भी ईश्वर के अवतार लेने की प्रार्थना की जाती है, कल्कि धाम बना हुआ है। वहीं एक संभल यूपी में है, जहां कल्कि पीठ स्थापित है। इसी संभल में ईश्वरीय अवधारणा को प्रमाणित करने के लिए प्रत्येक वर्ष श्री कल्कि महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

संभल का जातीय समीकरण

मुस्लिम-यादव समीकरण के सहारे जहां सपा इसे अपनी परंपरागत सीट के रूप में देखती है वहीं 2019 में बसपा से गठबंधन के बाद यह सीट भाजपा के लिए कील बन गई थी, लेकिन उसमें भी 4.80 लाख से ज्यादा मत लेकर भाजपा प्रत्याशी रहे परमेश्वर लाल सैनी ने चुनावी प्रबंधन के बारे में सभी को बता दिया था।

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