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Loksabha Election 2024: आइए जानते हैं भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर के बारे में

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है गोरखपुर लोकसभा सीट जिसे भारतीय जनता पार्टी की महत्वपूर्ण सीटों में एक माना जाता है। इस बार इस सीट पर सातवें और अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे। वहीं बीजेपी ने एक बार फिर से सीटिंग सांसद रवि किशन को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा ने काजल निषाद को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। काजल निषाद इससे पहले मेयर और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। लेकिन, उन्हें जीत हासिल नहीं हो पाई है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Loksabha Election 2024: आइए जानते हैं भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर के बारे में

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है गोरखपुर लोकसभा सीट जिसे भारतीय जनता पार्टी की महत्वपूर्ण सीटों में एक माना जाता है। इस बार इस सीट पर सातवें और अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे। वहीं बीजेपी ने एक बार फिर से सीटिंग सांसद रवि किशन को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा ने काजल निषाद को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। काजल निषाद इससे पहले मेयर और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। लेकिन, उन्हें जीत हासिल नहीं हो पाई है।

29 साल से भाजपा का दबदबा है गोरखपुर में

बता दें कि पूर्वांचल की इस सीट पर पिछले तकरीबन 29 साल से बीजेपी का दबदबा रहा है। हालांकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट पर 2018 में हुए उप चुनाव में समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने छीन ली थी। लेकिन, अगले ही साल 2019 के सामान्य लोक सभा चुनावों में भाजपा ने फिर अपनी खोई सीट वापस ले ली। इस सीट पर भोजपुरी अभिनेता रवि किशन ने तीन लाख मतों से जीत दर्ज कर वापस भाजपा का भगवा लहराया।

वहीं भारतीय जनता पार्टी मोदी के नाम, योगी के काम और गोरखपुर में लगातार हो रहे विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रही है। इधर कांग्रेस-सपा गठबंधन ने भी टिकटों के वितरण में जातिगत समीकरणों का मजबूत ताना-बाना बनाया है। इसके अलावा गठबंधन दूसरे मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रही हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

गोरखपुर में योगी का जबरदस्त प्रभाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र वाली गोरखपुर लोकसभा सीट पर नाथ पीठ का जबरदस्त प्रभाव है। 35 साल से इस सीट पर सांसद वही बना, जिसे गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद मिला। तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर 2018 में हुआ उपचुनाव अपवाद रहा, जिसमें सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ल को हरा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में पीठ के आशीर्वाद से सांसद चुने गए थे।

1998 में महंत अवेद्यनाथ ने राजनीतिक विरासत अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ को सौंपी। योगी ने लगातार पांच बार सांसद बनकर इस सीट पर पीठ के प्रभाव को इतना मजबूत कर दिया कि लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक भाजपा का डंका बजता रहा। गोरखपुर सीट पर पिछले चुनाव में औसत मतदान- 59.79 प्रतिशत रहा, इस सीट पर अब तक का सर्वाधिक मतदान- 61.28 प्रतिशत रहा। इस सीट पर कुछ 20 लाख 74 हजार 803 मतदाता हैं। जिनमें 11लाख 11 हजार 996 पुरुष और 9 लाख 69 हजार 635 महिला मतदाता हैं।

गोरखपुर सांसदीय सीट का इतिहास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहनगर भी गोरखपुर ही है, जो अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फिर 1998 से लगातार 2017 तक लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। हालांकि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनाव में यहां भारी उलटफेर देखने को मिला और सपा प्रत्याशी के रूप में प्रवीण निषाद ने बीजेपी प्रत्याशी को चुनावी शिकस्त दी।

2019 में भाजपा ने फिर वापसी की। यहां से रवि किशन को जीत मिली। विधानसभा क्षेत्र, स्थानीय मुद्दे और विकास की स्थिति गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कैम्पियरगंज, पिपराईच, गोरखपुर नगर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा शामिल हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार गोरखपुर की औसत साक्षरता दर 60.81% है। योगी के सीएम बनने के बाद विकास संबंधी कार्यो में तेजी आई है। हाल के समय मे यहां एम्स, फर्टिलाइजर कारखाना निर्माण का कार्य जोरों पर है।

गोरखपुर में ये है खास

गोरखपुर पूर्वी उत्‍तर प्रदेश की प्रमुख सीट है, वर्तमान में यहां से प्रवीन कुमार निषाद सांसद हैं। जो उपचुनाव में जीते थे। प्रवीन निषाद पार्टी के संस्‍थापक संजय निषाद के पुत्र हैं। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। गोरखपुर के अंतर्गत कैम्‍पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहरी, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा विधानसभा सीट आती हैं। गोरपखुर राप्‍ती नदी के किनारे बसा है, इसकी लखनऊ से दूसरी 273 किलोमीटर है।

रवि किशन शुक्ला के बारे में जानकारी

रवि किशन का जन्म 17 जुलाई 1971 को उत्तर-प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। वह एक बेहद ही गरीब ब्राह्मण परिवार से ताल्‍लुक रखते हैं। उनके पिता गांव में पुजारी थे। अभिनेता रवि किशन की शादी प्रीति से हुई है। उनके तीन बेटियां और एक बेटा है। उन्होंने राजनीति 2014 में कांग्रेस की पार्टी ज्वाइन करके किया जहां उन्होंने 2014 के आम चुनाव में भाग लिया जहां उन्हें केवल 42,759 वोट या कुल वोटों का 4.25 प्रतिशत ही मिला और वे छठे स्थान पर रहे।

ऐसे में वे कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में सम्मिलित हो गए। वहीं भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2019 के लोकसभा के आम चुनाव के दौरान रवि किशन को गोरखपुर से टिकट देकर वहां से खड़ा किया। जहां रवि किशन को 7,17,122 वोट मिले, जबकि सपा के प्रत्यासी रामभुआल निषाद को 4,15,458 वोट ही मिल पाया।

राजनीति में आने से पहले वे मुंबई, बिहार, तमिल जैसे फिल्म इंडस्ट्री में भी काम कर चुके हैं। वर्तमान में नेटफ्लिक्स पर आई उनकी वेब सीरिज सब लीगल है उनके अभिनय का एक नगीना है जिसे उन्होंने बड़े बेहतरीन ढंग से निभाया है।

2019 में क्या रहा इस सीट का परिणाम

2019 में भाजपा की तरफ से खड़े हुए रवि किशन को भारी मतों से जीत मिली। उन्हें 2019 में 717122 वोट प्राप्त हुआ था। जो कि कुल वोट प्रतिशत का 60 फीसद है। वहीं सपा के रामभुआल निषाद दूसरे स्थान पर 415458 वोटों के साथ रहे।

इस बार इस सीट से कौन-कौन लड़ रहा है

2019 के आम विधानसभा चुनाव में यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला। वहीं गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में 2024 उम्मीदवारों की सूची में भारतीय जनता पार्टी से रवि किशन और समाजवादी पार्टी से काजल निषाद प्रमुख उम्मीदवार हैं।

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