Loksabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन पीलीभीत की जनसभा से हिंदुत्व के एजेंडे को धार देते हुए कई संधान किए। उन्होंने महिला शक्ति को नमन करते हुए महिला सम्मान के प्रति समर्पण भाव को और मजबूत किया।
PM मोदी ने राम मंदिर के माध्यम से आस्था की बात की और विश्व पटल पर भारत के बढ़ते चमक-दमक की चर्चा कर देश की सुरक्षा, प्रगति से समझौता न करने का संदेश भी दिया। मोदी ने सिख बहुल तराई क्षेत्र में सिखों की शौर्य गाथा सुनाते हुए उनके उत्थान के लिए किए गए सरकार के कामों का उल्लेख किया।
साथ ही कुर्मी बेल्ट में विपक्ष पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की अनदेखी का आरोप लगाकर देश हित में किए गए उनके कार्यों को याद किया। प्रधानमंत्री के भाषण के केंद्र बिंदु में शक्ति, सिख, राम मंदिर, सीएए, गन्ना किसान और विकसित भारत रहे। महिला शक्ति को नमन की शुरुआत मंच पर चढ़ने से ही की।
एक वरिष्ठ महिला पदाधिकारी उन्हें प्रणाम करने के लिए आगे बढ़ीं तो मोदी हाथ जोड़कर झुक गए। उन्होंने भी प्रतिउत्तर में प्रणाम किया। संबोधन की शुरुआत विक्रम संवत का पहला दिन होने का जिक्र छेड़ते हुए हिंदू नववर्ष की बधाई से की।
जिसको लेकर उन्होंने कहा कि आज देश के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष मनाया जा रहा है। इसलिए समस्त देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देता हूं। चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं। देशभर में शक्ति की उपासना की धूम है। नवरात्र का पर्व हो, हर कोई भक्ति में डूबा हो, शक्ति उपासना में लीन हो, ऐसे समय इतनी बड़ी रैली अपने आप में अनोखी है।
इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में माताएं, बहनें, बेटियां हमें आशीर्वाद दे रही हैं। नवरात्र पर शक्ति का जिक्र छेड़कर मोदी ने महिला शक्ति को ही तरजीह नहीं दी, बल्कि पार्टी ने भी पहले से जनसभा को महिला शक्ति के लिए समर्पित कर रखा था।
मोदी ने सिखों का भी पूरा ध्यान रखा। नववर्ष की शुभकामनाओं संग सभी सिख गुरुओं को नमन किया और कहा कि कुछ ही दिन में वैशाखी आने वाली है। मैं उसकी भी शुभकामनाएं देता हूं। मजबूत इरादों के बारे में गुरु गोविंद सिंह के कथन का जिक्र किया।
कहा कि, हम बचपन से सुनते आए हैं- सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं…। ये बोल भारत की वीर परंपरा के प्रतीक हैं। ये बोल दिखाते हैं कि लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों न हो, भारत अगर ठान लेता है, तो सफलता हासिल करके रहता है। आज इसी प्रेरणा से, ऊर्जा से हम लोग विकसित भारत के संकल्प पर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल जो इस देश के महापुरुष थे, जिन्होंने देश की एकता के लिए जिंदगी खपा दी, उनके सम्मान में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनवाया गया है। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू है, लेकिन कांग्रेस, सपा वाले वहां नहीं जाते। भाजपा ने तो सरदार साहब को सम्मान दिया, लेकिन विपक्ष नहीं दे रहा। सरदार पटेल का जिक्र कर उन्होंने पीलीभीत और आसपास के जिलों की सियासत में निर्णायक दखल रखने वाले कुर्मी समाज को भी साधने की कोशिश की।
मोदी ने सीएए पर विपक्षी दलों के विरोध पर कहा, मैं अपनों को नहीं छोड़ सकता। उन्होंने पीलीभीत में रहने वाले बंगाली परिवारों को गांरटी दी कि अगर नागरिकता का मामला है, तो आप आवेदन कीजिए। आपको हमेशा की मुसीबत से मुक्ति मिलेगी। आप भारत के नागरिक बनकर जी पाएंगे। बता दें कि लोकसभा क्षेत्र में बंगाली समाज के लगभग 50 हजार मतदाता हैं।