आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव के मद्देनजर सपा ने अपने घोषणा पत्र को सबसे सामने रख दिया है, बता दें कि इस घोषणा पत्र में कांग्रेस की कई गारंटियों को भी सपा मे शामिल किया है। पर इस घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए किए वादे में समानता नहीं है। सपा ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 3000 रुपये प्रत्येक माह देने की बात कही है।
समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र 2024 में बड़े ही रणनीतिक तरीके से अल्पसंख्यकों से दूरी बना ली है। इसी के साथ सपा के घोषणा पत्र में कांग्रेस की कई गारंटियों को भी शामिल कर लिया गया है, लेकिन महिला वर्ग के लिए किए गए इन दोनों पार्टी के वादों में किसी भी स्तर पर समानता नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने जहां अपने घोषणा पत्र में गरीब महिलाओं के लिए 1 लाख रुपये सालाना देने की बात कही है, तो सपा ने 3 हजार रुपये प्रति माह यानी 36 हजार रुपये सालाना देने की बात कही है।
बड़े ही चालाकी से सपा ने जनता का मांग पत्र नाम से, उतारा है अपने घोषणा पत्र को
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने अपने पार्टी की तरफ से घोषणा पत्र को बड़े ही चालाकी से ‘जनता का मांग पत्र’ के रूप में जमीन पर उतारा है। वहीं सपा के आधार वोट के रूप में अल्पसंख्यक वोटर मानो जाते है, पर इस घोषणा पत्र में उनका जिक्र तीसरे पृष्ठ पर किया है। वहीं यह भी माना डा रहा है कि यह जो जिक्र हुआ है वह केवल पीडीए की रणनीति को साफ तौर पर बताने के लिए किया है। जिसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि पीडीए का तात्पर्य है- पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं आधी आबादी को अवसरों की समानता के साथ-साथ उनकी भागीदारी भी दिलाने का जन आंदोलन।
घोषणा पत्र का समान न होना चर्चा का विषय
समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषित अपने घोषणापत्र में कांग्रेस के न्याय व अधिकार सहित कई गारंटियों को तो सम्मिलित किया है। लेकिन ध्यान दें कि यूपी में विपक्षी गठबंधन इंडी में सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर इस चुनाव को लड़ रहे हैं, पर बड़े ही आश्चर्य की बात है कि इन्होंने अपना घोषणा पत्र एक साथ घोषित नहीं किया। हालांकि, कांग्रेसी घोषणा के तर्ज पर सपा ने अपने घोषणा पत्र में 2025 तक जाति आधारित जनगणना कराने और इसके आधार पर 2029 तक सभी वर्ग को न्याय व हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की बात कही है।
सपा ने इस घोषणा पत्र से किसानों के वोट को भी साधने का प्रयास किया है
समाजवादी पार्टी ने चुनावी सत्ता मिलने पर अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गों के सभी खाली पद को भरने और निजी क्षेत्र में सभी वर्गों के भागीदारी को सुनिश्चित करने का लोगों से वादा किया है। इसी के साथ दूध सहित सभी फसलों पर स्वामीनाथन फॉर्मूले के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और फिर इसकी कानूनी गारंटी देने की बात भी कही है।