उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी पूरी तैयारी के साथ जुट चुकी है। यूपी में चुनाव प्रबंधन को लेकर भी जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कई बड़े मंत्रियों को शामिल किया गया है। यूपी में चुनाव प्रबंधन की कमान जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के हाथ में ही देने की निर्णय लिया गया है। बीजेपी ने स्वतंत्र देव सिंह को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया हैं। इनकी टीम में यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद, सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर, प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, कांता कर्दम और मोहित बेनीवाल को समिति का सदस्य बनाया गया है।
जितिन प्रसाद इस समिति के सह संयोजक होंगे और बाकी मंत्री समिति के सदस्य होंगे। इससे पहले दिल्ली में शुक्रवार को सभी प्रदेशों के चुनाव प्रबंधन समितियों की बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी. इस बैठक में सभी समितियों को बूथों के प्रबंधन से लेकर, नामांकन सभा, चुनाव आयोग से समन्वय, प्रचार प्रसार की सामग्री, कहां-कितनी रैलियां और सभाएं होनी है, इसका प्रबंधन कैसे करना हैं, इसके अलावा आर्थिक प्रबंधन और रोड शो की तैयारियों को लेकर जानकारी दी गई है और आगे की रणनीति तैयार की गई है।
संक्षिप्त विवरण
- लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी तैयारी में जुटी बीजेपी
- यूपी लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रबंधन समिति का गठन
- योगी सरकार के मंत्रियों को मिली नई जिम्मेदारी
- चुनाव प्रबंधन की कमान जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के हाथ
- स्वतंत्र देव सिंह को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया
गौरतलब है कि चुनाव प्रबंधन समिति को सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार के तौर-तरीके भी समझाए गए। दरअसल लोकसभा चुनाव में बीजेपी ‘अबकी बार 400 पार‘ के नारे के साथ मैदान में उतरी हैं। पार्टी ने प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने को लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही कमजोर सीटों को लेकर भी ख़ास रणनीति तैयार की है। बीजेपी जल्द ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
इस लिस्ट में हारी हुई 14 सीटों के साथ कई वीआईपी सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों का एलान हो सकता है। इनमें वाराणसी, लखनऊ और अमेठी जैसी अहम सीटें शामिल हैं। बता दे लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। बहरहाल अब देखना ये होगा की बीजेपी की रणनीति लोकसभा चुनाव में कितना फायदा दिला पाएगी, ये तो चुनाव के बाद ही पता चल पायेगा।