प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले के दौरान इसरो की सेटेलाइटों का उपयोग विशेष निगरानी के लिए किया जाएगा। इस बार महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कई विशेष प्रबंध किए हैं, जिसमें इसरो की सेटेलाइटों द्वारा निगरानी मुख्य भूमिका निभाएगी।
इसरो का योगदान
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में इसरो भी अपना योगदान देगा। इसरो की सेटेलाइटों से अंतरिक्ष से मेले की तस्वीरें ली जाएंगी, जिनका उपयोग सुरक्षा और निगरानी के लिए किया जाएगा। इससे पहले 2019 के कुंभ मेले में भी इसरो ने सेटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया था और उन तस्वीरों में संगम क्षेत्र के साथ-साथ लाखों श्रद्धालुओं का हुनर दिखा था।
तकनीकी प्रगति और उम्मीदें
2019 की तुलना में, इस बार इसरो तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हो गया है। यही कारण है कि महाकुंभ-2025 के दौरान इसरो से बेहतर और उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों की उम्मीद की जा रही है। हालाँकि, सुरक्षा कारणों से मेला प्रशासन ने इसरो के विशिष्ट योगदान के बारे में अधिक जानकारी देने से परहेज किया है, लेकिन यह सुनिश्चित है कि इसरो की सहभागिता से सुरक्षा व्यवस्था में खास सुधार होगा।
योग्यता वाली तस्वीरें मिलने की उम्मीद है, जो कि न सिर्फ मेले के आयोजन स्थल की स्थिति को स्पष्ट करेगी, बल्कि सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। इसरो के द्वारा ली गई पिछली तस्वीरों में गंगा और यमुना के संगम की भव्यता साफ दिखाई दी थी। इस बार की तस्वीरें और भी अद्वितीय होने की संभावना है।