Maha Kumbh Nagar : महाकुंभ 2025 को ‘अमृत काल’ में मनाया जा रहा है।बड़े पैमाने पर दुनिया के सबसे भव्य इस आयोजन में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। महाकुंभ में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।ऐसे में दुनिया के सबसे उन्नत और आधुनिकतम तकनीको का सहारा लेकर योगी सरकार महाकुम्भ के जरिये उत्तर प्रदेश की तकनीकी शक्ति को प्रदर्शित कर रही हैं
महाकुम्भ में काफ़ी संख्या में भीड़ होंगी ऐसे में अपनों से बिछड़ने वाले लोगो के लिए योगी सरकार ने ‘कंप्यूटरकृत खोया पाया केंद्र ‘की शुरुआत की हैं जो एआई से लैस होगा,साथ ही पूरे मेला क्षेत्र के लिए 350 से अधिक एआई से लैस कैमरे लगाए गए हैं जो किसी भी खोये हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण करके फेस रिकग्निशन तकनीक,सोशल मीडिया और एआई का इस्तेमाल कर खोये व्यक्ति को ढूंढ़ निकालेंगे।
महाकुम्भ के लिए योगी सरकार ने एआई चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक ‘ को भी शुरू किया हैं।इससे 1 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं,यह चैटबॉट 11 भाषाओं में देश विदेश से आये श्रद्धालुओं को महाकुम्भ से जुडी सभी जानकारीयों को एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा रहा हैं।कुम्भ के लिए जारी अधिकारिक वेबसाइट को भी लोग बड़े उत्सुकता से विजिट कर महाकुम्भ के बारे में जानकारी ले रहे हैं,अबतक 35 लाख से अधिक लोगो ने वेबसाइट को विजिट किया हैं।
‘डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर’ की शुरुआत की गयी हैं, इसमें महाकुम्भ की पौराणिक महत्व,पूजा पद्धति और आज के युवाओं में उसकी महत्ता को एनिमशन और अन्य माध्यमों से पेश किया जा रहा हैं,ऐसे महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ का रूप दिया हैं जहाँ आरती,शाही स्नान आदि की सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी।
इस महाकुम्भ में प्रयागराज के सभी रास्तो,गलियों,बस स्टेशन , रेलवे स्टेशन आदि को गूगल नेवीगेशन के नए फीचर से लैस किया गया हैं जिसमें 360 डिग्री व्यू और स्ट्रीट व्यू के जरिये रास्तो,ट्रैफिक आदि की सभी जानकारियां रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2025 के महाकुंभ में एक कदम और बढ़ाते हुए विश्व के इस सबसे बड़े आयोजन को डिजिटल रूप प्रदान करने का आदेश दिया है।अब पूरी दुनिया यूपी की डिजिटल और तकनीक आधारित महाकुम्भ-2025 की साक्षी बनेगी।मेले की भव्यता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश सरकार ने पूरे मेले का डिजिटलाइजेशन किया है।
शिवांशु राय की रिपोर्ट