MAHAKUMBH 2025: प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरो-शोरो से चल रही है। इस दौरान महाकुंभ के लिए साधू- संतों का आगमन शुरू हो गया है। वहीं औपचारिक तौर पर सबसे पहले सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना और उससे संबद्ध किन्नर अखाड़े के संतों ने ढोल नगाड़ों के साथ और बैंड बाजों के बीच शाही अंदाज में उन्होंने नगर में प्रवेश किया।
आपको बता दें कि साधू- संतों का शाही जुलूस लगभग करीब डेढ़ किलोमीटर लम्बा था। जिसमें रथों पर रखे चांदी के हौदों पर सवार महामंडलेश्वर और दूसरे संत सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं जूना और किन्नर अखाड़े के संतो ने शाही अंदाज में घोड़ों और रथों पर सवार होकर शहर की ओर प्रवेश किया। वहीं उत्सुकता के साथ लोगों ने फूलों की बारिश कर उनका भव्य स्वागत किया गया।
साधु-संतों का किया गया भव्य स्वागत
आपको बता दें कि करीब ढाई हजार साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए जूना के सन्यासियों के कुम्भ मेला आगमन किया। तो उनके भव्य स्वागत में उनको शाही अंदाज देने के लिए देश के कई हिस्सों से उनके लिए बैंड पार्टियां बुलाई गई। इसमें तमाम संत घोड़ों पर सवार होकर जयकारे लगाते हुए नजर आ रहे थे।
वहीं दूसरे संत रथों पर रखे चांदी के हौदों पर सवार हुए।इस महासंगम में दोनों अखाड़ों में एक हजार से अधिक साधू- संत अब संगम क्षेत्र में ही रूक कर अखाड़े के लिए मेले का इंतजाम करेंगे। वहीं लोग यही पर धर्म ध्वजा स्थापित करने की पेशवाई की भी व्यवस्था करेंगे।