महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रयागराज का दौरा किया। उन्होंने साधु-संतों के शिविरों का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीएम योगी ने कहा कि यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा। सनातन संस्कृति के ध्वजवाहकों, 13 अखाड़ों और पूज्य संतों के आशीर्वाद से यह आयोजन ऐतिहासिक बनेगा।
संतों के शिविरों में परखी व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री ने खाक चौक, दंडीबाड़ा, आचार्यबाड़ा और अन्य अखाड़ों के शिविरों का भ्रमण किया। उन्होंने साधु-संतों के साथ संवाद किया और उनकी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि संतों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए। संतगणों ने मुख्यमंत्री का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
संतों के साथ संवाद और सम्मान
सीएम योगी ने संतों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनकी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्हें भगवा अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और महाकुंभ का आमंत्रण भी प्रदान किया गया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाकर प्रसाद भेंट किया। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के ईष्ट देवों की अराधना भी की।
विशेष व्यवस्थाओं का जायजा
मुख्यमंत्री ने जजेज कालोनी और वीआईपी घाट की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्नान पर्व और अन्य महत्वपूर्ण दिनों में सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। मेला प्राधिकरण को न्यायाधीशों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सीएम योगी ने मेला प्राधिकरण से कहा कि महाकुंभ 2025 की दिव्यता और भव्यता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा। साधु-संतों के सहयोग और सरकार की प्रतिबद्धता से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप से सफल होगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से परखा और इसे विश्वस्तरीय आयोजन बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए। संतगणों के साथ उनका संवाद और उनकी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता इस आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करेगी।