प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज आज, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर आस्था प्रकट की और पुण्य लाभ अर्जित किया। यह आयोजन आध्यात्मिकता और परंपराओं का प्रतीक है, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं।
पौष पूर्णिमा स्नान की विशेषता
आज सुबह 5:03 बजे पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ हुआ। संगम तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस बार का महाकुंभ 144 वर्षों बाद बन रहे दुर्लभ शुभ संयोग के कारण और भी खास हो गया है, जिससे इसकी महत्ता बढ़ गई है।
पहला शाही स्नान: मकर संक्रांति
महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर होगा।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 बजे से 6:21 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:15 बजे से 2:57 बजे तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:42 बजे से 6:09 बजे तक।
शाही स्नान के दौरान साधु-संतों और अखाड़ों का भव्य जुलूस संगम तट पर आकर्षण का केंद्र रहेगा।
सुविधाएं और सुरक्षा प्रबंध
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संगम तट पर 12 किलोमीटर लंबे स्नान घाट तैयार किए गए हैं।
जल पुलिस, एनडीआरएफ, और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं।
घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग और अन्य आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
स्वच्छता और जल प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा गया है।
महाकुंभ की विशेषता
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल आस्था और अध्यात्म का संगम है, बल्कि परंपरा और आधुनिकता का प्रतीक भी है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। महाकुंभ का यह अध्याय भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के गौरव में चार चांद लगाने वाला है।