यूपी के मुखिया सीएम योगी इस बात पर खास फोकस कर रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हों। इसके लिए योगी सरकार काफी संवेदनशील है। लेकिन दूसरी ओर लापरवाह डॉक्टरों की वजह से सरकार के मंसूबे पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। जालौन जिले से लापरवाही की ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानकर हर कोई दंग रह जाएगा। यहां स्वास्थ्यकर्मी लोगों की जिंदगियों के साथ खिलावाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। एएनएम ने एक गांव की गर्भवती महिलाओं की जान के साथ खिलवाड़ कर दिया।
आपको बता दें कि एएनएम ने जालौन जिले के कोंच तहसील क्षेत्र के जुझारपुरा गांव में गर्भवती महिलाओं को एक्पायरी डेट की दवाएं बांट दी। एएनएम द्वारा बांटे गए दवा को खाने से चार गर्भवती महिलाओं की तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद आनन-फानन में गांव के प्रधान ने बाकी सभी महिलाओं को दवा खाने से रोका। जिसकी शिकायत गांव वालों ने सीएमओ जालौन एन. डी. शर्मा से की है।
ग्राम प्रधान ने बताया कि एक्सपायरी डेट की दवा छोटे भाई की पत्नी को दी गई है। उन्होंने बताया कि जैसे ही मामले की जानकारी हुई, मैंने तुरंत गांव में बाकी जगह, जिस घर में एएनएम ने दवा दी थी। फोन कर अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एक दो महिलाएं दवा खा लीं थीं। जिनकी तबियत बिगड़ गई। किसी को चक्कर आया तो किसी का जी मचल रहा था। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत सीएमओ जालौन को भी दे दी गई है।
टॉर्च की रोशनी में कोंच सीएचसी में करा दी गई डिलिवरी
वहीं, कोंच तहसील के ही एक दूसरे गांव पनयारा की रहनी वाली दो गर्भवती महिला को प्रसव के लिए कोंच सीएचसी ले जाया गया। जहां डॉक्टर और सीएचसी प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। यहां दोनों महिलाओं की डिलिवरी टॉर्च की रोशनी में करा दी गई। जब इन दोनों महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताला लाया गया तो यहां बिजली गुल हो गई थी। डॉक्टरों ने प्रसव कराने के लिए जेनरेटन भी नहीं चलाया।
बच्चे को जन्म देने वाली प्रसूताओं को अंधेरे में रखा गया। लापरवाही का आलम तो ऐसा था कि अंधेरे में ही परिजनों से दवा भी मंगाई गई। इस मामले को तूल पकड़ते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामले का संज्ञान लेकर सीएमओ एनडी शर्मा ने बताया कि चिकित्सा प्रभारी से जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसपर कड़ा कार्रवाई की जाएगी।