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SLN News: सुल्तानपुर में सामूहिक विवाह घोटाला, जांच रिपोर्ट के 10 दिन बाद भी समाज कल्याण अधिकारी पर कार्रवाई नहीं

सीएम सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत बल्दीराय के महुली की 13 अपात्र महिलाओं को लाभ देने के मामले में बड़ी गड़बड़ी जांच रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह और उनके स्टाफ की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
SLN News: सुल्तानपुर में सामूहिक विवाह घोटाला, जांच रिपोर्ट के 10 दिन बाद भी समाज कल्याण अधिकारी पर कार्रवाई नहीं

सीएम सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत बल्दीराय के महुली की 13 अपात्र महिलाओं को लाभ देने के मामले में बड़ी गड़बड़ी जांच रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह और उनके स्टाफ की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं।

वहीं इस जांच रिपोर्ट को प्रशासन और शासन को भेजे 10 दिन हो चुके हैं पर अभी तक इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों की माने तो यह कार्रवाई माननीयों के दबाव के कारण अधिकारी को बचाने का काम कर रही है।

बिना पात्रता के सामूहिक विवाह का लाभ प्रदान किया गया

जांच के दौरान यह बात सामने आई कि महुली गांव की तेरह अपात्र महिलाओं को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का लाभ समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह ने बिना पात्रता के प्रदान किया है।

फिर इस मामले में मीडिया में चर्चा होने के बाद डीएम के निर्देश पर सेक्रेट्री राहुल यादव, एडीओ समाज कल्याण अभिषेक गिरि और बल्दीराय ब्लॉक के वरिष्ठ लिपिक संदीप मिश्रा को निलंबित कर दिया गया। इन सभी के खिलाफ बल्दीराय थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, जिसमें महिला दलाल कंचन का नाम भी सम्मिलित था।

हालांकि, सेक्रेट्री के निर्दोष पाए जाने पर उनके कार्य को बहाल कर दिया गया और अपात्र महिलाओं से सामान की वापसी व धनराशि की रिकवरी के आदेश दिए गए। लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। प्रकरण की जांच के लिए तीन जांच अधिकारी जिसमें जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. संतोष कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला, और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव ने अपनी रिपोर्ट सीडीओ अंकुर कौशिक को 14 अगस्त को भेजी थी।

समाज कल्याण अधिकारी बोले- भेज दी गई रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्राम पंचायत में इतनी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय ने विशेष सावधानी नहीं बरती, जिससे कार्यालय की लापरवाही स्पष्ट होती है। जांच में बल्दीराय के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण की लापरवाही भी सामने आई है।

रिपोर्ट में समाज कल्याण अधिकारी और उनके स्टाफ को सबसे अधिक दोषी ठहराया गया है, लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में जब समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जिले के अधिकारियों को सौंप दी गई है और शासन को भेजी गई है। हालांकि, जब उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन काट दिया।

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