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Up News: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों का तबादला, गाजियाबाद और आगरा के पुलिस कमिश्नर बदले

Big action by Yogi government, transfer of 11 IPS officers in UP

Big action by Yogi government, transfer of 11 IPS officers in UP

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार देर रात प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 11 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इस बदलाव में खासतौर पर गाजियाबाद और आगरा जैसे बड़े शहरों के पुलिस कमिश्नरों को बदला गया है, जबकि कई जिलों में एसपी और रेंज स्तर के अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सरकार के इस कदम को अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था की मजबूती और आम जनता में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है।

गाजियाबाद और आगरा को मिले नए पुलिस कमिश्नर

गाजियाबाद के मौजूदा पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को प्रयागराज रेंज का नया आईजी नियुक्त किया गया है। वहीं, आगरा के वर्तमान पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड को गाजियाबाद का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। साथ ही, आगरा रेंज के आईजी दीपक कुमार को अब आगरा का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इन दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है, इसलिए इन पदों पर अनुभवी अधिकारियों की तैनाती को विशेष रूप से अहम माना जा रहा है।

कई जिलों के एसपी बदले गए

इस फेरबदल में जिलों के कप्तानों की भी अदला-बदली हुई है। बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह को बुलंदशहर का नया एसएसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय को बाराबंकी का नया एसपी बनाया गया है। मेरठ में पीएसी की छठवीं वाहिनी में तैनात सेनानायक सूरज कुमार राय को अब बागपत का एसपी नियुक्त किया गया है।

अन्य प्रमुख तबादले और नई जिम्मेदारियां

एटीएस के एडीजी नीलाब्जा चौधरी को अब एडीजी सीआईडी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रयागराज रेंज के आईजी प्रेम कुमार गौतम को एटीएस का नया आईजी बनाया गया है। मथुरा के एसएसपी और डीआईजी शैलेश कुमार पांडे को अब आगरा रेंज का डीआईजी बनाया गया है। वहीं, पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के एसपी प्रेमचंद को मेरठ की छठवीं वाहिनी पीएसी का सेनानायक नियुक्त किया गया है।

सरकार का स्पष्ट संदेश: अपराध और अव्यवस्था पर सख्ती

योगी सरकार द्वारा किए गए इन तबादलों को एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। हाल ही में प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए गए थे, जिसके चलते प्रशासनिक मशीनरी को और अधिक सक्षम व सक्रिय बनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। खासकर उन शहरों में जहां पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है, वहां अधिकारियों की भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए सरकार द्वारा अनुभवी और सक्षम अफसरों को जिम्मेदारी सौंपना एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।

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