सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर से यूपी भाजपा में चल रही खींचतान को लेकर एक बार फिर से निशाना साधा है। अखिलेश ने यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कहा कि- मौर्या जी तो मोहर बन गए हैं। दिल्ली के लोगों का वाई-फाई पासवर्ड हैं। बताइए क्या सरकार ऐसे चलेगी?… यूपी ऐसी नहीं चलेगी। उन्होंने यूपी के लोगों को धोखा दिया है। वहीं इशारों-इशारों में ही उन्होंने कहा कि लखनऊ और दिल्ली के बीच लड़ाई चल रही है।
लखनऊ के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले अखिलेश यादव भाजपा हमपर जातिवाद का आरोप लगाती है। उसे खुद अपना देखना चाहिए। योगी जी क्या हैं? मुख्य सचीव क्या हैं? ACS होम क्या हैं? जिले में बड़े-बड़े अफसर कौन हैं?
यूपी पुलिस पर अखिलेश ने कहा कि- अब तो पुलिस ही डाकू बन गई है। बलिया जिले में रोज 15 लाख वसूले जा रहे हैं। एनकाउंटर का रेट तय करती है। लखनऊ में हत्या हुई, उसमें बीजेपी के लोग भी शामिल हैं। कानपुर दंगा हुआ था उसमें भी। इसके बाद मुस्लिम लोगों को डराया गया। उनसे वसूली की गई।
भाजपा वाले बेवजह ही फड़फड़ा रहे हैं, जिन्होंने सबकुछ बिगाड़ा है, वो क्या सबकुछ ठीक करेंगे। सपा ने सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर दिया है। मदरसों में सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
सरकार दावा करती थी कि जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। खासकर करप्शन और लॉ एंड ऑर्डर पर, लेकिन अब उनके ही नेता कह रहे हैं कि अपने राजनीति जीवन काल में हमने ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा है। जो इस सरकार में हो रहा है। मुख्यमंत्री खुद स्वीकार करते हैं कि कई विभागों में बड़े पैमाने पर दलाली का कामचल रहा है।
यूपी के हर कोने में भ्रष्टाचार का खेला चल रहा है। अब पुलिस ही पुलिस को पकड़ रही है। प्रधान सांसद जी (पीएम मोदी) के क्षेत्र में पता करिए क्या चल रहा है। पुलिस ही वसूली करने से पीछे हट नहीं रही। ये एनकाउंटर का डर दिखाते हैं, लेकिन हमने सोशल मीडिया पर ऐसी कई वीडियो देखें हैं, जहां पर पुलिस रेट तय कर रही थी कि टांग पर गोली मारी जाए, तो कितना पैसा देना सामने वाले को देना पड़ेगा।
हमने देखा है कि जब बंदूक नहीं चली, तो पुलिस ने एनकाउंटर के लिए मुंह से ही ठांय-ठांय करके मामला खत्म कर दिया। मुझे याद है कि नोएडा का पहला फेक एनकाउंटर हुआ था। एक इंस्पेक्टर जिम से लौट रहे थे। उस पर गोली चलाई गई थी। वो आज दिव्यांग हो चुके हैं, वह चल नहीं सकते।
उस वक्त हमने जब सवाल उठाया था। और, अगर सरकार उसी समय न्याय दे देती तो उत्तर प्रदेश की आज ऐसी दुर्दशा नहीं होती। भाजपा सरकार ने आरक्षण की मूल भावना से खिलवाड़ किया है। उनका लगातार प्रयास रहता है कि किसी को भी आरक्षण न देना पड़े।
वहीं सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल की सीएम योगी से मुलाकात पर अखिलेश ने कहा- सीएम से मिलने से क्या मिलेगा। सदस्यता बचाने के लिए सीएम से मिलीं। चलो छोड़ दिया पल्लवी को, वह PDA परिवार की हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। मौर्य एंड मोहरा का मामला है, सीएम से कोई मिलने नहीं गया तो पल्लवी को मिलने के लिए बुला लिया गया।
सीएम योगी अपने संसदीय क्षेत्र की सड़क नहीं बना पा रहे हैं। 90 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 2021 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ। 90 किलोमीटर की सड़क 6000 करोड़ में बन गई है। 1 किलोमीटर सड़क 66 करोड़ में बनेगी, यही गोरख-धंधा है।
झांसी में एक युवक को घर से उठाकर ले गए। उसका एनकाउंटर कर दिया। यह हत्या है। FIR नहीं लिखी जा रही थी, तो कोर्ट ने आदेश दिया। इसके बाद लिखी गई। अखबारों में मैंने पढ़ा था कि उसकी पत्नी ने कहा था कि अगर न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगी। दुख इस बात का है, उस परिवार को सरकार न्याय नहीं दिला पाई।