सुप्रीम कोर्ट ने अभी पिछले ही दिनों SC/ST रिजर्वेशन में केंद्र सरकार को सब कैटिगरी बनाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर के विकल्प को भी तलाशने को कहा था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीति का टेम्परेचर हाई हो गया। वहीं बसपा की मुखिया मायावती ने SC-ST और OBC के आरक्षण पर नया कानून पारित करने की मांग के साथ ही केंद्र सरकार पर न्यायालय में कमजोर पैरवी करने का आरोप भी लगाया।
मायावती ने इस संदर्भ में एक्स पर किया पोस्ट
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर लचर पैरवी करने का आरोप लगाया और लिखा कि, “एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केन्द्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना यह अति-दुःखद व चिन्ताजनक।
इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केन्द्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है। पहले मा. कोर्ट में लचर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि बीजेपी का एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है।
इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके इण्डी गठबंधन की भी चुप्पी उतनी ही घातक। इससे यह फिर से साबित है कि SC/ST वर्गों के सही हित, कल्याण व उत्थान के मामले में दोनों ही पार्टियाँ व इनके गठबंधन एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं तथा इन वर्गों का हित अम्बेडकरवादी बीएसपी में ही सुरक्षित।”