बसपा सुप्रीमों मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर से नई जिम्मेदारी दी है। बसपा प्रमुख नेआकाश आनंद को उत्तराखंड उपचुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया है। आनंद का नाम लिस्ट में मायावती के बाद दूसरे स्थान पर है। पर, पार्टी सूत्रों ने बताया कि अभी आकाश यूपी की सियासत से दूर ही रहेंगे।
आम चुनाव के दौरान अहम पद छीन लिया था मायावती ने
आम चुनाव के दौरान 7 मई को मायावती ने आकाश को पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। उन्होंने सार्वजनिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ऐलान किया था कि आकाश अभी राजनीति के लिए मैच्योर नहीं हैं। आकाश इसके बाद किसी भी चुनाव या रैली में नहीं दिखे और राजनीति को लेकर शांत रहे।
गौरतलब है कि आकाश की चुनावी सभाओं में बयान बाजी को लेकर मायावती नाराज हो गई थी। जबकि मायावती ने पिछले साल दिसंबर में ही आकाश को पार्टी का अपने बाद उत्तराधिकारी बनाया था।
आकाश को लेकर मायावती नरम क्यों?
पॉलिटिकल एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि मायावती अक्सर कांग्रेस पर हमला करने में पीछे नहीं रहती। लेकिन जिस तरह से सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ उन्हें मुखर होना चाहिए था, वह नहीं दिखा। इस कारण बसपा को बीजेपी की बी पार्टी का तमगा मिल गया। जो कि मायावती हटा नहीं सकीं। वहीं दूसरी तरफ आकाश आनंद चुनावी रैलियों में केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ और बसपा सरकार के ऐतिहासिक कामों को लोगों के सामने रख रहे थे। लेकिन उन पर उनके पार्टी ने कार्रवाई कर दी। जिससे आनंद से जुड़ा युवा वर्ग निराश हो गया।
यही कारण रहा कि पार्टी का बेस वोटर भी INDI गठबंधन के पाले में चला गया। वहीं नतीजे आने से पहले और बाद में भी पार्टी के भीतर आकाश की वापसी की आवाज जोरों पर रही। ऐसे में अब आगे 2027 में यूपी विधानसभा का चुनाव है। लेकिन उससे पहले मायावती ने आकाश आनंद को उत्तराखंड उप-चुनाव में स्टार प्रचारक बनाकर अपने तेवर के तल्खी को कम किया है। शायद, पार्टी आगे चलकर उन्हें अन्य अधिकार भी वापस कर दे।
नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर थे आकाश
यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के समय, आकाश आनंद मायावती से ज्यादा लोगों के बीच एक्टिव थे। पर 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग के बाद अचानक मायावती ने भतीजे आकाश को उत्तराधिकारी और नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाने का ऐलान सार्वजनिक सोशल मीडिया पर कर दिया। उन्होंने X पर इस संदर्भ में लिखा था कि- “आकाश आनन्द को नेशनल कोआर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।”