यूपी में उपचुनाव की तारीखों को ऐलान बेशक चुनाव आयोग ने नहीं किया है पर आम चुनाव 2024 के बाद राजनीतिक पारा हाई है। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी क्योंकि गठबंधन से पार्टी को किसी भी प्रकार का फायदा हो नहीं रहा। दूसरी पार्टी अपना वोट ट्रांसफर नहीं कर पाती हैं। इसी के साथ पार्टी भाजपा और कांग्रेस पार्टी से भी दूरी रखेगी।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X(पहले ट्विटर) पर 3 पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि- यूपी और दूसरे राज्यों में यह देखने को मिला है कि बसपा का वोट तो ट्रांसफर हो जाता है, जबकि दूसरी पार्टियों का वोट बसपा को नहीं मिलता है। दूसरे दलों में इतनी क्षमता नहीं कि वह अपना वोट बैंक ट्रांसफर करा पाए। इससे चुनावी रिजल्ट अच्छा नहीं आता है और पार्टी कैडर निराश हो जाता है।
जातिवादी ताकतें बसपा को कमजोर करने की कोशिश कर रही
मायावती ने कहा- अभी हरियाणा चुनाव में अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिला। इसलिए, समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय लिया है। इसी के साथ मायावती ने भाजपा या NDA का साथ ही, कांग्रेस या इंडी गठबंधन से भी पहले की तरह दूरी बनाए रखने की बात कही।
बसपा के आत्मसम्मान और स्वाभिमान को कमजोर करने की जातिवादी ताकतें लगातार कोशिश कर रहीं हैं। इसलिए, जरूरी है कि अपने लिए योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रखनी जरूरी है।
बसपा स्वार्थी नेताओं को अपने साथ नहीं जोड़ेगी
मायावती ने कहा- बसपा स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि बहुजन समाज को जोड़ने के लिए है। संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनने का आंदोलन है। इस मकसद के लिए इधर-उधर ध्यान भटकाना नुकसानदेह होगा।
आम चुनाव 2024 में जीरो पर सिमट गई बहुजन समाज पार्टी
यूपी में 2012 में सत्ता गंवाने के बाद से बसपा का ग्राफ लगातार गिर रहा है। लेकिन, 2024 में भारी गिरावट आई। 2019 में लोकसभा चुनाव में यूपी में 10 सीटें पाने वाली बसपा 2024 में शून्य पर सिमट गई। इस चुनाव में बसपा का कैडर वोट भी खिसक कर इंडी गठबंधन में शिफ्ट हो गया। वोटिंग प्रतिशत में भी भारी गिरावट आई। 2019 में बसपा को 19.43 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 9.40 प्रतिशत रह गया।