लखनऊ में CDS अनिल चौहान के साथ तीनों प्रमुखों की बैठक शुरु हो चुकी है। यह बैठक मध्य कमान मुख्यालय में सुबह 9 बजे से शुरू हुई और 12 बजे तक तली। इस बैठक का उद्घाटन सीडीएस अनिल चौहान ने किया। वहीं सेना के सूत्रों ने बताया कि तीनों सेना के बीच देश की सुरक्षा, हथियार खरीद के साथ वित्तीय योजना पर चर्चा हुई।
यह बैठक दिन में 12:00 बजे तक चली। बैठक की अध्यक्षता सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने किया। इस दौरान थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक का टारगेट सशस्त्र बलों के बीच वित्तीय मुद्दों पर तालमेल बढ़ाना है। बैठक में रक्षा मंत्रालय, रक्षा लेखा महानियंत्रक और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी देखने को मिली।
बता दें कि लखनऊ के मध्य कमान मुख्यालय में 4 सितंबर (आज) और 5 सितंबर को संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस किया जा रहा है। इस कॉन्फ्रेंस का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन’ है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने उद्घाटन भाषण दे आयोजन का शुभारंभ किया।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 5 सितंबर को शीर्ष स्तर के सैन्य नेतृत्व को संबोधित करेंगे और रक्षा तैयारी की समीक्षा करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान 4 सितंबर को उद्घाटन भाषण देंगे।
अब आगे पढ़ते हैं कि किन-किन बिंदुओं पर सेना के प्रमुख करेंगे चर्चा
तीनों सेना के बीच तालमेल, बेहतर समन्वय
मौजूदा समय में भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और तकनीकी रूप से पूरी दुनिया संक्रमण की स्थिति में है। इसकी वजह से देश आज जिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। सशस्त्र बलों को इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए क्षमताएं विकसित करने की जरूरत है। सम्मेलन सेवा मुख्यालय और रक्षा वित्त से जुड़े लोगों को आपसी समझ बढ़ाने, एक-दूसरे की चिंताओं को समझने, अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में एक-दूसरे से बात करने के लिए एक मंच देता है। यह बेहतर तालमेल, बेहतर समन्वय, बेहतर समझ लाता है, जिससे हम सभी देश के लिए बेहतर क्षमताएं ला सकें।
तीनों सेनाओं के बीच थियेटराइजेशन योजना
थियेटराइजेशन योजना के अनुसार प्रत्येक थियेटर कमान की थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी। वे सभी एकल इकाई के रूप में काम करेंगी, जो एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटेंगी। थियेटर कमान की योजना, सेना के तीनों अंगों को एक करने और उनके संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए बनाई जा रही है। वर्तमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के अलग-अलग कमांडो हैं। इसके साथ ही वित्तीय योजना पर सशस्त्र बलों में तालमेल हो सके, इस पर भी बात होगी।
सेना के तीनों अंगों ने थिएटर कमांड के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के लिए व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ संयुक्त रूप से स्टडी किए हैं। फिलहाल देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए काफी समय से थिएटर कमांड की जरूरत महसूस की जा रही थी। फिलहाल 4 नए थिएटर कमांड बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
ये थिएटर कमांड देश की तीनों सैन्य सेवाओं के पहले से मौजूद 17 कमांड के अतिरिक्त होंगे। थलसेना के पास तीन थिएटर कमांड, जबकि नौसेना के पास एक कमांड की जिम्मेदारी होगी। वहीं, भारतीय वायुसेना को एयर डिफेंस कमांड की जिम्मेदारी दी जाएगी।
हथियार खरीद, तीनों सेनाओं की एकजुट भूमिका पर चर्चा
आज की बैठक में, रक्षा वित्त में विभिन्न हितधारकों से जुड़े पहलुओं पर चर्चा किए जाने का कार्यक्रम रहा। साथ ही, रक्षा खरीद में सामने आ रहीं चुनौतियों का समाधान तलाशना है। संभावना है कि वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) और महानिदेशक (खरीद) जल्द रक्षा खरीद किए जाने की भूमिका पर बात करेंगे। बैठक का टारगेट सशस्त्र बलों के बीच वित्तीय मुद्दों पर तालमेल बढ़ाना है। बैठक में रक्षा मंत्रालय, रक्षा लेखा महानियंत्रक और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी दिखी।