उरई में नदियों की धरती को खोखला करने का काम जोरों से चल रहा है । मामला पथरेठा खंड संख्या 5 का है जहां माफिया धरती की सूरत बिगाड़ने में महारथ दिखा रहे है प्रतिबंधित मशीनों के जरिए प्रतिबंधित मौरंग माफिया बेधड़क खनन कर रहे है इतना ही नही प्रशासन की मिलीभगत से खनन माफिया 6 माह के पट्टे को 9 माह तक कर अवैध खनन करते है।
जालौन जिले में प्रशासन की मिलीभगत से खनन माफिया अपनी ताकत दिखाकर योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती दे रहे है। कालपी तहसील में नदियों की धरती को खोखला करने का काम जोरों से चल रहा है।
मामला पथरेठा खंड संख्या 5 मौरंग खनन क्षेत्र का है जहां खनन को लेकर मुख्यमंत्री के आदेशों को बेअसर कर माफिया धरती की सूरत बिगाड़ने में महारथ दिखा रहे है, प्रतिबंधित मशीनों के जरिए प्रतिबंधित क्षेत्र से मौरंग माफिया बेधड़क खनन कर रहे है जबकि विभाग के द्वारा 16.16 एकड़ भूमि के लिए खनन की स्वीकृति दी गई है।
जिसको ठेकेदार 7 जून 2024 से 6 मार्च 2025 तक की अवधि निर्धारित की गई है शासन, खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कालपी तहसील के पथरेठा मौरंग खंड संख्या 5 से सटा हुआ मौरंग क्षेत्र खाली पड़ा हुआ। जिसको माफिया द्वारा नेस्तनाबूत किया जा रहा है। इसके साथ साथ नदी के तल को भी कुआं बनाने में प्रतिबंधित मशीनों अपना काम बखूबी से करती दिखाई दे रही है। अन्य खंड खाली पड़े है जिनके सहारे माफिया बेधड़क खनन कर रहा है।
वहीं नदियों की बहती धारा से प्रतिबंधित मशीनों लगाकर मौरंग खनन किया जा रहा है, प्रकृति ने नदियों को स्वाभाविक खूबसूरती दी है, जिस पर मौरंग माफिया की गिद्ध दृष्टि ऐसी पड़ी कि नदी को बदसूरत करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है।
बता दे कि यूपी की बात अवैध खनन को लेकर लगातार खब़रे प्रसारित करके अधिकारियों को जगाने का प्रयास कर रहा है। पर प्रशासन की मिलीभगत से बेलगाम हो चुके खनन माफियाओं पर किसी बात का कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं मुख्यमंत्री के आदेशों को दरकिनार कर खनन माफिया धड़ल्ले से खनन कर धरती मां को खोखला कर रहे हैं।