विधानसभा सत्र के तीसरे दिन दिनेश कुमार गोयल, सदस्य विधान परिषद और विजय बहादुर पाठक सदस्य विधान परिषद ने लखनऊ के अन्तर्गत तहसील प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खनन मुद्दा उठाया। जिसकी उन्होंने विधान परिषद में चर्चा की मांग की। विधान परिषद के सदस्यों द्वारा जारी में पत्र में लिखा है कि गोसाईगंज क्षेत्र के मिट्टी का खनन नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है। जबकि आवेदक को आवश्यकतानुसार मिट्टी के खनन के लिए निर्धारित प्रक्रिया और शुल्क अदायगी के बाद ही गिट्टी खनन की अनुमति दी जाती है। लेकिन खनन माफिया अपनी पहुँच और पैसों के बल पर मानकों और नियमों की अनदेखी करते हुए बेखौफ खनन कार्य को कर रहे हैं। खनन माफियाओं के डंपर सारे नियम कानून की अनदेखी करते हुए सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक स्थानीय तहसील प्रशासन
यही नहीं खनन कार्य में लगे इन डंपरों पर नम्बर प्लेट भी गायब रहती है। मिट्टी खनन की अनुमति भी एक निश्चित गहराई तक करने की अनुमति ही दी जाती है। पर खनन माफिया बिना किसी डर के मानकों के विपरीत खनन कार्य में लिप्त हैं। खनन माफियाओं द्वारा लखनऊ के ब्लॉक चिनहट के अंतर्गत ग्राम सभा जुग्गौर में शारदा नहर के दोनों ओर की पटरियों को खनन से गायब कर अवैध कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय तहसील प्रशासन खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक हैं। क्षेत्रीय जनता ऐसे अवैध खनन से दुर्घटना की स्थिति से भयग्रस्त है।
बुंदेलखंड सहित कई जिलों में अवैध खनन जारी
बता दे अवैध खनन लखनऊ ही नहीं बुंदेलखंड सहित कई उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में जारी है। खनन माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे और जिला प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।