उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान बंदरों के आतंक से बहुत परेशान हैं। इसके लिए प्रशासन और वन विभाग की तरफ से किसानों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है, लिहाजा मजबूर होकर किसानों ने खुद ही इसकी काट निकाली है। भालू की ड्रेस पहनकर किसान खुद ही खेतों से बंदरों को भगाते हुए नजर आ रहे हैं।
अपनी फसलों को बंदर से बचाने के लिए भालू की तरह कपड़े पहनकर व्यक्ति खेत में दौड़ रहे हैं। दरअसल धौरहरा तहसील के लोहरिपुर के लोग अपनी फसलों को बंदरों से बचने के लिए भालू के वस्त्र पहनकर खेत खलियानों में घूम कर बंदरों को भगा रहे हैं। बात-चीत के दौरान किसानों ने बताया कि इलाके में सैकड़ों की तादाद में झुंड बनाकर बंदर उनकी सरसों, चना, गेहूं व गन्ने की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।
जिसको लेकर किसान गांव में चंदा इकट्ठा कर एक भालू का वस्त्र मंगवाया है और उसको पहनकर खेत खलियानों में घूम कर बंदरों को भगाते है। किसानों का कहना है इलाके में बंदरों को लेकर एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बंदरों को पकड़ने के लिए अफसर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
किसानों का आरोप है कि उनकी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए ना ही कोई जनप्रतिनिधि और ना ही ब्लॉक के अधिकारियों से लेकर वन विभाग के अधिकारी सुनते हैं। जिसके चलते किसान खुद गांव में चंदे से एक भालू का वस्त्र मंगवाकर और उसको पहनकर दिन रात अपनी फसलों को बंदरों से बचने के लिए खुद बीड़ा उठाया है।
इस पूरे मामले में दुधवा फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि किसानों बैठकों में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। और अब किसान खुद ही अपनी फसलों की रखवाली कर रहे हैं।
किसानों के लिए बंदर आफत बन गए हैं। सैकड़ों की झुंड में बंदर पहुंचकर खेतों में खड़ी फसलों का भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान वन विभाग और जिला प्रशासन को कई बार अवगत करा चुके हैं लेकिन किसी ने उनकी बातों पर गौर नहीं किया। इसलिए किसानों बंदरों को भगाने के लिए अनोखी काट निकाली। लेकिन ये काट भी फसलों की रक्षा के लिए ये नाकाफी है। ऐसे में देखना ये होगा कि प्रशासन और वन विभाग कब तक किसानों की इस समस्या का समाधान करेंगे।