मुरादाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिल गया है परंतु जमीनी स्तर पर देखें तो यहां स्मार्टनैस जैसी कोई चीज नहीं दिखाई देती है। जगह-जगह पड़े कूड़े के ढेर, टूटी हुई नालियां, टूटी सड़कें स्मार्ट सिटी के नाम पर थप्पड़ मारते हुए दिख रही हैं।
पीतल की नगरी से मशहूर मुरादाबाद कूड़ों से पटा
पीतल की नगरी के नाम से देश और दूनिया में प्रसिद्ध मुरादाबाद शहर, टूटी सड़के, जगह-जगह लगे कूडे़ के ढेर के लिए जाना जाने लगा है। देखा जाए तो इसे स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल चुका है लेकिन नगर निगम की लापरवाही से मामला कुछ और हो गया है।
बता दें कि मुरादाबाद में ट्रिपल इंजन की सरकार का शासन है पर इसके बावजूद भी यहां विकास का पहिया जमीन में कहीं धंस सा गया है। वैसे तो यहाँ के मेयर को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है पर विकास के नाम पर मेयर के दावे भी सफेद हाथी दिखते हैं।
स्थानीय नागरिकों ने क्या कहा
एक स्थानीय नागरिक नीरज सिंह ने बताया कि यहां कई-कई दिनों तक साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। ऐसे में सफाई न होने के कारण मक्खी-मच्छर पनपते हैं और जिससे बिमारी का खतरा और बड़ जाता हैं। कई बार पार्षद को कॉल करके इसकी सूचना दी है पर वे तो केवल चुनाव के दौरान अपने दर्शन देने आते हैं।
वहीं स्थानीय नागरिक अशोक सैनी ने कहा कि कूड़े की समस्या पूरे शहर में है परंतु नगर निगम हाउस टैक्स, वाटर टैक्स के नाम पर मोटी रकम तो वसूलता है लेकिन सुविधाओं का नाम लेने पर कान बंद कर लेता है।
वही स्थानीय नागरिक और पेशे से डॉक्टर अशोक सैनी ने बताया कि नालों के चोक हो जाने के कारण नालों का गंदा पानीसड़कों पर बहने लगता है। जिससे लोगों को आने-जाने में बहुत अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।