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सनातन धर्म का अस्तित्व हैं माँ गंगा और यमुना, माघ मेले में बोले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इस समय माघ मेले में कल्पवास कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना व अन्य नदियां हमारे सनातन धर्म के अस्तित्व की पिलर हैं। ऐसे में हमें इन नदियों को प्रदूषण मुक्त रखना चाहिए। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मेले क्षेत्र के सेक्टर तीन के त्रिवेणी मार्ग पर स्थित शिविर में हिंदू राष्ट्र के संगोष्ठी का आयोजन कर रहे थे।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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सनातन धर्म का अस्तित्व हैं माँ गंगा और यमुना, माघ मेले में बोले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

माघ मेला, प्रयागराज: पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इस समय माघ मेले में कल्पवास कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना व अन्य नदियां हमारे सनातन धर्म के अस्तित्व की पिलर हैं। ऐसे में हमें इन नदियों को प्रदूषण मुक्त रखना चाहिए। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मेले क्षेत्र के सेक्टर तीन के त्रिवेणी मार्ग पर स्थित शिविर में हिंदू राष्ट्र के संगोष्ठी का आयोजन कर रहे थे।

 

उन्होनें कहा कि इन नदियों को सनातन धर्म और संस्कृति से गहरा नाता रहा है। यदि हमारी आस्था की प्रतीक ये नदियां ऐसे ही दूषित की जाती रही तो वह समय दूर नहीं है जब इन नदियों का विलोप अपने चरम सीमा पर पहुंच जाएगा।

 

एक व्यक्ति या संस्था की नहीं बल्कि सभी लोगों की जिम्मेदारी है इन नदियों को स्वच्छ रखना

 

शंकराचार्य ने संगोष्ठी में बात रखते हुए कहा कि नदियों को बचाने के लिए हिंदुओं को आगे आना होगा और स्वयं नदियों को साफ रखने का बीड़ा उठाएं। वहीं शिविर में उपस्थित भक्तों ने भी शंकराचार्य से कई सवाल किए। जहाँ अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो काम सदियों से अटका था वह तो हुआ ठीक है। लेकिन यह भी कहना गलत नहीं होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को उन्मादपूर्ण ढंग से किया गया है।

 

पवित्र होकर करें गंगा-यमुना में स्नान

 

मौनी अमावास्या के महत्वता पर चर्चा करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि गंगा और यमुना में स्नान साफ-सुथरा होकर स्नान आदि करके करना चाहिए। स्नान के बाद आपको नदी को प्रणाम करना चाहिए और उसमें कपड़ों को बिल्कुल भी नहीं धुलना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जो जिस क्षेत्र का एक्सपर्ट है उसे उसी से संबंधित क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

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