Azam Khan News: चर्चित डूंगरपुर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने Azam Khan को सुनाई सजा, इसी के साथ 14 लाख जुर्माना भी लगाया गया वहीं दूसरे दोषी को 7 साल की सजा और 6 लाख जुर्माना देने को कहा गया है।
रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान को फिर 10 साल की सजा सुनाई गई है। चर्चित डूंगरपुर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को गुनहगार माना है। कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा और 14 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही दूसरे दोषी को 7 साल की सजा और 6 लाख जुर्माना लगाया है।
2016 में सपा सरकार में डूंगपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़ दिए गए थे और फिर उसी स्ठान पर आसरा आवास का निर्माण किया गया था। फिर 2019 में बेघर हुए 12 लोगों ने अलग-अलग प्राथमिकता दर्ज करवाया था। इस प्राथमिकता में आरोप ये था कि सपा सरकार के दौरान आजम खान के इशारे पर पुलिस और सिपाहियों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका समान लूट लिया गया था और मकानों को ध्वस्त कर दिया था।
रामपुर जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को बीते बुधवार को दोषी करार देते हुए फैसला रिजर्व कर लिया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को डूंगरपुर प्रकरण में आज एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार ने दोषी ठहराया है। साथ ही सजा पर आज अपना अंतिम फैसला भी सुनाया। आज के फैसले के अनुसार आजम खान को 10 साल की सजा और 14 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
साथ ही दूसरे सहयोगी दोषी बरकत अली ठेकेदार को 7 साल की सजा और 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं और जेल से ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उनकी पेशी कोर्ट में हुई।
तत्कालीन सपा सरकार में साल 2016 में डूंगरपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़कर सरकारी आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। वर्ष 2019 में 12 लोगों ने थाना गंज कोतवाली में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि तत्कालीन सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया गया था।
उनका सामान लूट लिया और मकानों को ध्वस्त कर दिया था। इन मुकदमों में आजम खां का नाम विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा शामिल किया गया था। आजम खान के साथ बरकत ठेकेदार को भी दोषी माना गया है। डूंगरपुर मामले में 12 मुकदमें दर्ज किए गए थे। इनमें दो केस में आज़म खान बरी हो चुके हैं, जबकि एक अन्य मामले में पहले सजा दी गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने बताया कि आज वादी अबरार पुत्र नन्हें खां द्वारा दायर केस में सजा सुनाई गई। इसमें 3 लोगों के खिलाफ ट्रायल चल रहा था, जिसमें पूर्व रिटायर्ड सीओ आले हसन खां की पत्रावली अलग कर दी गई थी।