सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य किए जाएं। इसके बाद भी कहीं से न कहीं से ऐसी खबर सामने आ ही जाती है जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े होने लगते हैं। ताजा मामला ताज नगरी आगरा से सामने आया है। जहां नगर निगम के राजस्व निरीक्षक पर सरकारी कर्मचारी से ही अवैध वसूली का आरोप लगा है। कर्मचारी का कहना है कि अधिकारी ने उससे बीस हजार रूपये मांगे हैं। जिसके बाद रिपोर्ट लगाने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि हरी पर्वत जोन का रहने वाला कर्मचारी पिछले एक साल से लगातार अपने मकान के असिसमेंट के लिए नगर निगम के हरि पर्वत जोन कार्यालय में चक्कर लगा रहा है। कर्मचारी का कहना है कि राजस्व निरीक्षक नितिन कंडवाल ने उससे 20 हजार रुपये की मांग की। आरोप है कि नितिन कंडवाल ने उसके बाद उसके फेवर में रिपोर्ट लगाने के लिए अवैध पैसे की मांग की। बीस हजार रूपये न देने पर राजस्व निरीक्षक लगातार उसे घुमा रहा है।
कर्मचारी ने नगर निगम कार्यालय में ही हंगामा करते हुए अधिकारी पर बीस हजार रुपये मांगने के आरोप लगाए। इस पूरे मामले पर जब राजस्व निरीक्षक नितिन कंडवाल से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। कैमरा बंद होते ही आरोपी अधिकारी ने कर्मचारी की समस्या का जल्द ही निस्तारण कराने का आश्वासन भी दिया है। आगरा नगर निगम कार्यालय में अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।
पिछले एक साल से चक्कर लगवाने के बाद भी सरकारी कर्मचारी का कार्य नहीं हो रहा है, तो आम जनता के साथ यहां किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा। लेकिन इस तरह के मामलों पर अब भी नगर निगम के आला अधिकारी मौन धारण किये हुए है। आरोपी अधिकारी ने घूस लेने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया बल्कि उसने बताया कि एक फाइल निकलवा लूं। इसके बाद आपको पूरा बताता हूं। उसने कहा कि एक साल पुरानी फाइल होगी। अपने ऊपर लगे आरोप को बिल्कुल निराधार बताया है। उसने कहा कोई मतलब नहीं, कोई कुछ नहीं।
आगरा से संवाददाता सैय्यद शकील की रिपोर्ट।