मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा करते हुए कहा कि बाढ़ आपदा सहायता और संवेदना का समय है। उन्होंने इसी के साथ पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराने को कहा और चौबिस घंटे के अंदर मुआवजा देने का निर्देश दिया।
यूपी में गंगा, गोमती और घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। रामगंगा, गर्रा, खनौत, राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कानो, शारदा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिसके चलते लखीमपुर खीरी से लेकर बलरामपुर, अयोध्या, उन्नाव और बलिया, बस्ती समेत 20 जिलों के करीब 900 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। वहीं बलिया में घाघरा नदी में कटाव होने के कारण 13 गांव पानी में जलमग्न हो चुके हैं। वाराणसी में 48 घंटे में गंगा नदी का जल स्तर दो मीटर तक बढ़ चुका है।
सीएम योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा करते हुए कहा कि बाढ़, आपदा सहायता और संवेदना का समय है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के साथ चौबीस घंटे में मुआवजा देने के भी निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। इसी के साथ कड़े लहजो में बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को शिष्टता से पेश आने की नसीहत भी दी।
बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम ने सीएम के सामने अपनी बात रखते हुए बताया कि बाढ़ से अभी तक 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव के साथ बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। जिसका प्रभाव 14.80 लाख नागरिकों पर पड़ा है। इनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी सम्पत्तियों (खेती, मकान, गृहस्थी और पशु) को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा है।
वहीं जल भराव के चलते प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। सेटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर खेती के नुकसान की पुष्टि करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है।
लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के भूमि कटान होने का कारण नदी ने रौद्ररुप ले लिया है जिसको देख ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है।
योगी के गढ़ गोरखपुर में बीते चौबीस घंटे में राप्ती नदी के जलस्तर में करीब 20 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे पहले खतरे के निशान से ऊपर बह रही इस नदी का जलस्तर लाल निशान से 93 सेंटी मीटर ऊपर पहुंच गया है।