पूर्वांचल के विकास को एक नई दिशा देने के लिए योगी सरकार बहुस्तरीय रणनीति पर काम कर रही है। खेती-बाड़ी और पर्यटन को आधार बनाकर पूर्वांचल के कायाकल्प की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
विश्व बैंक की सहायता से शुरू की गई UP AGRIS (एग्रीज) योजना के जरिए जहां कृषि को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है, वहीं नीति आयोग की सलाह पर काशी और प्रयागराज को केंद्र में रखकर विकसित किए जा रहे धर्म क्षेत्र और राज्य राजधानी क्षेत्र मॉडल से पर्यटन और औद्योगीकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सरकार ने काशी और प्रयागराज को मिलाकर एक धर्म क्षेत्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 22,393 वर्ग किलोमीटर होगा। इसमें चन्दौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर और भदोही जैसे जिले भी शामिल होंगे, जिनकी संयुक्त जनसंख्या करीब 2.5 करोड़ है। इस क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के साथ-साथ इंडस्ट्रियल जोन और नॉलेज पार्क की भी स्थापना की जाएगी, जो रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगे।
पूर्वांचल के समग्र विकास के लिए योगी सरकार ने कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी है। गोरखपुर से वाराणसी तक फोरलेन सड़क का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाला गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे भी अब तैयार है, जिसका उद्घाटन जल्द होने की संभावना है। इसके अलावा, चंदौली से गाजीपुर तक लगभग 100 किलोमीटर लंबे नए एक्सप्रेसवे पर 7000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रयागराज से सोनभद्र को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार और प्रयागराज से हल्दिया तक का जलमार्ग पूर्वांचल को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में सहायक होगा।
पूर्वांचल में कुशीनगर कृषि विश्वविद्यालय और गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण से एग्रीकल्चर और एनिमल हसबेंड्री से जुड़े रिसर्च को बल मिलेगा। इससे किसानों को उन्नत तकनीक और नवाचार से जोड़ने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आमदनी में सीधा इजाफा होगा।
योगी सरकार की ODOP (One District One Product) योजना के तहत पूर्वांचल के किसानों को उनके पारंपरिक कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में बड़ा फायदा हुआ है। प्रतापगढ़ का आंवला, कुशीनगर का केला, अयोध्या का गुड़, और सिद्धार्थनगर का काला नमक धान आज देश-विदेश में पहचान बना चुके हैं। इन उत्पादों के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFCs) के माध्यम से प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है।
खेती, कनेक्टिविटी और कल्चर के त्रिकोण पर आधारित यह विकास मॉडल पूर्वांचल को उत्तर प्रदेश का एग्रो-टूरिज्म और इंडस्ट्रियल हब बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। योगी सरकार की ये योजनाएं ना केवल यहां के युवाओं को रोजगार देंगी, बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को भी बदल देंगी।