उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर स्थित निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुरक्षा कारणों के मद्देनजर रेड जोन घोषित कर दिया गया है। नागर विमानन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त निर्णय के तहत यह कदम उठाया गया है। एयरपोर्ट और इसके आसपास के क्षेत्रों में अब किसी भी प्रकार के ड्रोन या अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) की उड़ान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ड्रोन संचालन पर पूरी तरह रोक, बिना अनुमति उड़ाने पर होगी सख्त कार्रवाई
नोएडा एयरपोर्ट क्षेत्र में बिना अनुमति ड्रोन या UAV उड़ाना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 1934 और UAV ऑपरेशन नियमों के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने साफ किया है कि सुरक्षा व्यवस्था से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एडीसीपी ने नागरिकों से की अपील
शनिवार को इस विषय में जानकारी देते हुए एडीसीपी मनीष कुमार ने नागरिकों से अपील की कि वे नए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नियमों के उल्लंघन पर दोषियों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना का महत्व
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर भारत के सबसे बड़े और सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में से एक बनने की राह पर है। इसका सामरिक और आर्थिक महत्व बहुत बड़ा है। एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विकास को गति मिलेगी, बल्कि उत्तर भारत के व्यापार और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में इसकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
ड्रोन नियमों के पालन का आह्वान
पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को अनाधिकृत ड्रोन उड़ान की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस या संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें। एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े किसी भी जोखिम को समाप्त करना सभी नागरिकों का दायित्व है।