नोएडा प्राधिकरण ने आज सैक्टर-145 स्थित ग्राम वेगमपुर में अर्जित की गई 31.3828 हेक्टेयर भूमि पर किसानों को 5 प्रतिशत आबादी प्लॉट प्रदान करने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ कर दी है। इस कार्रवाई के तहत चिन्हांकन और पैमाइश कर पिलर आदि लगाए गए हैं।
प्राधिकरण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ग्राम वेगमपुर की कुल 108.223 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के संबंध में अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4/17 और 6/17 के अंतर्गत 7 नवंबर 2007 और 17 मार्च 2008 को अधिसूचनाएं जारी की गई थीं। हालांकि, इस पर 18 फरवरी 2008 को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया था।
स्थगन आदेश समाप्त होने के उपरांत 7.559 हेक्टेयर भूमि का कब्जा 17 जून 2008 को तथा 100.664 हेक्टेयर भूमि का कब्जा 15 जून 2013 को प्राप्त कर लिया गया था। इसके बाद, अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) द्वारा 12 जनवरी 2011 और 13 दिसंबर 2013 को अवार्ड घोषित किए गए थे।
इस अधिग्रहण के संबंध में कुछ काश्तकारों ने उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 64926/2011 दायर की थी। न्यायालय ने अर्जन प्रक्रिया को सही ठहराते हुए आदेश दिया कि जिन याचिकाकर्ताओं ने प्रतिकर प्राप्त नहीं किया था, उन्हें 13 सितंबर 2019 को प्रचलित दर पर भुगतान किया जाए।
नोएडा प्राधिकरण और कुछ काश्तकारों ने इस आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की थी। उच्चतम न्यायालय ने 9 मई 2022 को उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराया। प्राधिकरण द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका भी 2 नवंबर 2022 को निरस्त कर दी गई, जिससे उच्च न्यायालय का आदेश प्रभावी हो गया।
इसके अनुपालन में अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) ने 28 जनवरी 2023 को नए सिरे से अवार्ड घोषित किया। बाद में याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिकाएं भी उच्चतम न्यायालय ने 17 मई 2023 को खारिज कर दीं। अंततः, कलेक्टर भूमि अर्जन प्रयोजनार्थ गौतमबुद्धनगर ने 19 जुलाई 2024 को अंतिम अवार्ड जारी कर दिया।
आज भूमि चिन्हांकन कार्यवाही के दौरान एसीपी, डीसीपी, एडिशनल सीपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल, नोएडा प्राधिकरण के सिविल व भूलेख विभाग के अधिकारी, विशेष कार्याधिकारी, उप महाप्रबंधक, वरिष्ठ प्रबंधक, जेई और लेखपाल भी उपस्थित रहे। कार्यवाही की फोटोग्राफ्स भी रिकॉर्ड की गई हैं।
नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि जिस भूमि पर आज कार्यवाही की गई है, उस पर किसी भी माननीय न्यायालय का कोई स्थगन आदेश प्रभावी नहीं है। यह भूमि पूरी तरह से अर्जित व कब्जा प्राप्त भूमि है। इस भूमि का उपयोग नोएडा क्षेत्र के उन किसानों को लगभग 2200 आबादी प्लॉट देने के लिए किया जाएगा, जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई थी।
अंत में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिग्रहण से संबंधित प्रतिकर वृद्धि का एक वाद अभी लंबित है। यदि भविष्य में माननीय न्यायालय द्वारा प्रतिकर बढ़ाए जाने का आदेश दिया जाता है तो प्राधिकरण उसका अक्षरशः पालन करेगा।