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Noida News: नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, बिल्डर पर वित्तीय जांच की कार्रवाई

नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग परियोजना के एक बिल्डर द्वारा बकाया राशि का भुगतान न करने पर कड़ा रुख अपनाया है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Noida News: नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, बिल्डर पर वित्तीय जांच की कार्रवाई

नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग परियोजना के एक बिल्डर द्वारा बकाया राशि का भुगतान न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। आर्थिक अनियमितताओं की आशंका को देखते हुए, प्राधिकरण ने इस मामले की वित्तीय जांच के लिए दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को पत्र लिखा है। इसके अलावा, वाणिज्यिक विभाग के एक डिफॉल्टर आवंटी की दो दुकानों का आवंटन भी रद्द कर दिया गया है।

2011 में मिला था प्लॉट, अब तक नहीं किया भुगतान

प्राधिकरण के अनुसार, सेक्टर-143बी स्थित ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-1सी का 10306.12 वर्गमीटर क्षेत्र 10 अगस्त 2010 को जीएसएस प्रोकॉन प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आवंटित किया गया था। 19 अगस्त 2011 को लीज डीड संपन्न होने के बाद 29 अगस्त 2011 को बिल्डर को प्लॉट का कब्जा सौंपा गया। हालांकि, प्लॉट की लागत का भुगतान अब तक नहीं किया गया, जिसके कारण प्राधिकरण ने कई बार बिल्डर को नोटिस जारी किया।

बिल्डर पर कुल 90.54 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे चुकाने में वह विफल रहा है। इस कारण, अब प्राधिकरण ने मामले की गहन जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा से कार्रवाई की मांग की है।

बायर्स के पैसे का गलत इस्तेमाल

जांच में यह भी सामने आया है कि इस परियोजना के प्रमोटर—हरविंदर सिंह सिक्का, गुरनीत सिंह सिक्का, प्रमोद गोयल और संदीप गोयल—ने फ्लैट बेचकर खरीदारों से प्राप्त राशि को परियोजना पर खर्च करने के बजाय अन्य परियोजनाओं में स्थानांतरित कर दिया। इस वित्तीय गड़बड़ी के चलते फ्लैट बायर्स को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

दो दुकानों के आवंटन रद्द

वाणिज्यिक विभाग में भी बकाया भुगतान न करने पर कड़ी कार्रवाई की गई है। हेवन होटल एंड रिसोर्ट को सेक्टर-26 स्थित जयपुरिया प्लाजा की दूसरी मंजिल पर आवंटित दो दुकानों को निरस्त कर दिया गया है।

1. पहली दुकान (401/डी68ए) – 178.43 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाली इस दुकान पर 38,50,260 रुपये का बकाया था, जिसके कारण इसका आवंटन रद्द कर दिया गया।
2. दूसरी दुकान (402/डी68ए) – 178.34 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाली इस दुकान पर 40,05,384 रुपये का बकाया था, जिस कारण इसका आवंटन भी रद्द कर दिया गया।

नोएडा प्राधिकरण की इस कार्रवाई को देखते हुए अन्य डिफॉल्टर बिल्डरों और आवंटियों पर भी सख्ती की संभावना है। प्रशासन बकाया वसूली सुनिश्चित करने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रहा है।

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