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Noida Sports City Ghotala: नोएडा प्राधिकरण करेगा लीगल एक्सपर्ट की नियुक्ति, CBI को सौपी गईं सभी फाइलें

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में गड़बड़ियों को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने बड़ा फैसला लिया है। प्राधिकरण अब एक लीगल एक्सपर्ट की नियुक्ति करेगा, जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों में समयबद्ध तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा। साथ ही कोर्ट द्वारा मांगे गए जवाबों को भी समय से दाखिल किया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।

बिल्डरों के खिलाफ जांच तेज, सीबीआई को सौंपी गई फाइलें

स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़े मामलों में सीबीआई और ईडी द्वारा जांच जारी है। प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी से संबंधित सभी फाइलें सीबीआई को सौंप दी हैं। साथ ही ओएसडी स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो सीधे सीबीआई से संवाद स्थापित कर सभी जरूरी जानकारियां साझा कर रहे हैं।

नौ हजार करोड़ का बकाया, चार कंसोर्टियम और 84 सब लीज बिल्डर सवालों के घेरे में

स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में चार कंसोर्टियम बिल्डर और 84 सब-लीज बिल्डर पर करीब 9000 करोड़ रुपये का बकाया है। यह राशि भूमि आवंटन के बाद बिल्डरों द्वारा प्राधिकरण को जमा नहीं कराई गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में बिल्डरों के खिलाफ सीबीआई और ईडी जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद अब जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

कब और कैसे शुरू हुई थी स्पोर्ट्स सिटी परियोजना?

नोएडा में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 2008 में स्पोर्ट्स सिटी परियोजना की शुरुआत की गई थी। योजना को 2009 तक बढ़ाया गया और इसके बाद 2010-11 से लेकर 2015-16 तक कुल 32 लाख 30 हजार 500 वर्गमीटर जमीन विभिन्न सेक्टरों (78, 79, 101, 150, 152) में आवंटित की गई।

योजना के तहत तय था कि 70 प्रतिशत भूमि पर खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी और शेष 30 प्रतिशत भूमि पर आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं तैयार की जाएंगी। भूमि की कीमत 12,500 रुपये प्रति वर्गमीटर तय की गई थी।

किन बिल्डरों को मिला था बड़ा फायदा?

खेल गतिविधियों की आड़ में आवासीय प्रोजेक्ट पर जोर

स्पोर्ट्स सिटी योजना के तहत खेल गतिविधियों पर जोर देने की शर्त थी, लेकिन ज्यादातर बिल्डरों ने इसका उल्लंघन करते हुए व्यावसायिक और आवासीय निर्माण पर ध्यान दिया। इस कारण योजना का मूल उद्देश्य प्रभावित हुआ और सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

आगे क्या?

नोएडा प्राधिकरण ने कानूनी रूप से कमर कस ली है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए विशेषज्ञ लीगल एडवाइजर की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, सीबीआई जांच भी तेज हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई होगी और स्पोर्ट्स सिटी परियोजना को पटरी पर लाया जाएगा।

मार्च 2024 तक चारों बिल्डर पर प्राधिकरण का बकाया

प्रोजेक्ट सेक्टर बकाया
जनाडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्टियम) सेक्टर-78, 79 ओर 101 1356.88 करोड़
लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड एससी-01/150 2964.23 करोड़
लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्टियम) एससी-02/150 2969.87 करोड़
एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड एससी -01/152 2027.82 करोड़
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