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Noida News: नोएडा प्राधिकरण के उद्यान डिप्टी डायरेक्टर पर लटक रही निलंबन की तलवार, शासन को भेजी गई रिपोर्ट

नोएडा प्राधिकरण के उद्यान खंड-3 के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। उन पर कार्य में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं। साथ ही, उनके कार्यकाल में हुए विभिन्न कार्यों की जांच शासन स्तर पर कराए जाने की संभावना है। प्राधिकरण ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है।

बार-बार चेतावनी के बावजूद नहीं हुआ सुधार

जनवरी 2024 में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने एक ही स्थान पर चार बार निरीक्षण किया, जिसमें उद्यान खंड-3 की लापरवाही उजागर हुई। लगातार कहा और चेतावनी देने के बावजूद भी कार्य पूरा नहीं किया गया। इसके चलते सीईओ ने कड़ा रुख अपनाते हुए राजेंद्र सिंह को कार्मिक विभाग में अटैच कर दिया।

कार्मिक विभाग में अटैच, लेकिन शासन को रिपोर्ट भेजने की जानकारी नहीं

डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें कार्मिक विभाग में अटैच किया गया है, लेकिन शासन को रिपोर्ट भेजे जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

एक ही कार्य के दो बार एस्टीमेट बनाने का आरोप

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 1.99 करोड़ रुपये के रखरखाव कार्य की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद, उद्यान खंड-3 को इस कार्य का टेंडर जारी करना था। लेकिन इसके बजाय, खंड ने उसी कार्य का एक और एस्टीमेट 2.99 करोड़ रुपये का तैयार कर सीईओ से मंजूरी लेने की कोशिश की।

फाइल में गड़बड़ी पकड़ी गई, भुगतान पर रोक

प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) वंदना त्रिपाठी और वित्त नियंत्रक (एफसी) स्वतंत्र कुमार गुप्ता ने इस गड़बड़ी को पकड़ लिया। मामले की जांच के दौरान खंड अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन फाइल गायब होने का हवाला दिया गया। इसके बाद सीईओ ने संबंधित कार्यों के सभी भुगतान पर रोक लगा दी।

शासन को भेजी गई रिपोर्ट, कार्रवाई की सिफारिश

अब उद्यान खंड-3 के उपनिदेशक राजेंद्र कुमार, सहायक निदेशक ज्ञानेंद्र कुमार और सेवानिवृत्त उद्यान निरीक्षक कुंवर पाल को सरकारी पद के दुरुपयोग का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है। इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है।

संभावित कार्रवाई

अगर शासन स्तर पर इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलती है, तो डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह को जल्द ही निलंबित किया जा सकता है। साथ ही, उनके कार्यकाल में हुए अन्य कार्यों की भी विस्तृत जांच हो सकती है।

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