गर्मी की छुट्टियों के बाद अब बच्चों के स्कूल ओपन हो गए हैं। कुछ बच्चे पहली बार स्कूल जाएंगे तो कुछ बच्चे अगली क्लास में एडमिशन लेंगे। बच्चों को घर से स्कूल और वापस ले जाने वाले बसें और वैन सड़क पर रन करने लगीं हैं। आपके बच्चे भी स्कूल बस या वैन से स्कूल से जाते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि परिवहन विभाग ने सोमवार को एक आंकड़ा जारी किया है। जारी आंकड़े के मुताबिक जिले में स्कूल बस और कैब के तौर पर 1868 वाहन रजिस्टर्ड हैं।
जिसमें से 300 से ज्यादा वाहन अनफिट हैं। इतना ही नहीं स्कूलों में चलने वाले 175 वाहनों की उम्र पूरी हो चुकी है। इनमें 121 बस और 54 कैब हैं। स्कूल बसें कम चलती हैं, इसलिए इनकी उम्र का निर्धारण 20 साल चलने पर पूरी मानी जाती है। जिसके बाद ऐसी बसें कबाड़ हो जाती हैं। हैरानी इस बात की है कि बच्चों को स्कूल ले जाने और वहां से लाने वाले लगभग 217 वाहन ऐसे हैं, जिनका फिटनेस सर्टिफिकेट तकरीबन 16 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका है। इनमें से 177 बस और 40 कैब हैं। आरटीओ के दो नोटिस जारी करने के बाद भी स्कूल संचालकों ने वेहिकल्स का फिटनेस नहीं कराया।
एआरटीओ के प्रशासनिक अधिकारी सियाराम वर्मा की मानें तो उन्होंने बताया कि बसों के फिटनेस के लिए संबंधित स्कूलों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कबाड़ हो चुकी स्कूल बसों को स्क्रैप कराने के लिए संबंधित स्कूलों के साथ वाहन स्वामी को नोटिस भेजा रहा है। जल्द ही परिवहन विभाग इन्हें जब्त करने के लिए अभियान चलाएगा। असुरक्षित स्कूल वाहनों के खिलाफ पूरे जुलाई अभियान चलाया जाएगा। अनफिट वाहनों से बच्चों को लाना और ले जाना सुरक्षा से खिलवाड़ है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।