उत्तर प्रदेश के नोएडा में 290 हॉस्पिटल और क्लीनिक का बिना लाइसेंस से संचालित हो रहे हैं। इन हॉस्पिटलों का लाइसेंस 30 अप्रैल को ही खत्म हो चुके है। अब ये हॉस्पिटल और क्लीनिक बगैर रिन्युअल के संचालित हो रहे हैं। आपको बता दें कि जिले के हॉस्पिटल और क्लीनीक को पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी नोटिस के बाद 600 हॉस्पिटल्स और 311 क्लीनिकों के संचालकों ने लाइसेंस रिन्यू करा लिया था। जिन हॉस्पिटल्स और क्लीनिक के संचालकों ने लाइसेंस को रिन्यू नहीं कराया है, उनको स्वास्थ्य विभार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें ज्यादातर संचालकों ने अग्निशमन विभाग से एनओसी देर से मिलने की वजह बताई है।
अग्निशमन विभाग ने भी आंकड़ा जारी कर बताया है कि उनकी ओर से 189 हॉस्पिटलों की एनओसी जारी कर दी गई है। जिसका डेटा उनकी तरफ से स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दिया गया है। लगभग 46 हस्पिटल्स ऐसे हैं, जिनके इंतजाम अधूरे होने की वजह से एनओसी नहीं दी गई है। आपको बता दें कि लाइसेंस रिन्यू कराने की अवधि समाप्त होने के बाद फिर से रिन्यू कराने के लिए एक महीने का वक्त दिया जाता है। लेकिन देर होने की वजह से विभाग की ओर से पिछले दिनों नोटिस जारी किया गया है। नोएडा में 50 बेड से ज्यादा के 46 हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं।
हॉस्पिटल्स और क्लीनीकों के संचलकों को लाइसेंस रिन्यू करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। जिनको लाइसेंस रिन्यू कराना हो वो क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट के तहत शासन के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करके रिन्यू कर सकते हैं। इसकी एक कमेटी होती हो, जिसमें जिलाधिकारी, सीएफओ और अथॉरिटी के ओएसडी शामिल होते हैं। जो लाइसेंस रिन्यू करने की अनुमति देते हैं। आपको बता दें कि 50 बेड से कम के जिले में 550 से ज्यादा अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। रजिस्ट्रेशन में देरी पर ऐक्ट के तहत रोजाना जुर्माने का भी प्रावधान है।
गौतमबुद्ध नगर सीएफओ प्रदीप कुमार की माने तो स्वास्थ्य विभाग से 189 अस्पताल की सूची फायर विभाग को मिली है। अधूरे इंतजामों के कारण 48 अस्पतालों को फायर एनओसी नहीं दी गई है। कमियों में सुधार होने के बाद एनओसी जारी की जाएगी। कुछ नियम पूरे होने पर क्लिनिक को बगैर फायर एनओसी के भी संचालित करने की अनुमति होती है।
सीएमओ ने कही ये बात
यूपी की बात के संवाददाता यूनुस आलम ने जब इस मामले में सीएमओ से बात की तो उन्होंने कहा कि लगभग 50 हॉस्पिटल और क्लीनिक ऐसे हैं, जिन्होंने लाइसेंस रिन्यू नहीं कराया है। उनका भी यही कहना है कि कुछ लोगों ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। वहीं, कुछ हॉस्पिटल्स और क्लीनिक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक जवाब भी नहीं दिया है। उनको दोबारा नोटिस जारी किया जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की बात भी उन्होंने बोली है।