देश के 78वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से प्रदेश को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश को जीरो पावर्टी वाला प्रदेश बनाने की घोषणा की है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की नीति को सीएम योगी ने अपना आधार बनाया है। यह नीति समाज के सर्वाधिक कमजोर वर्गों के कल्याण के माध्यम से संपूर्ण समाज के कल्याण की ओर संकेत करती है।
सीएम योगी के ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ के संकल्प की पूर्ति के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें वन फैमिली वन आईडी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जिसके माध्यम से हर गरीब और वंचित को सरकारी योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 15 से 25 लाख निर्धनतम परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह गरीबी से मुक्त राज्य बनाना है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से विपन्न जीवन जीने को विवश 6 करोड़ जनता को एक दशक में बहुआयामी गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है।
सीएम योगी ने लिया संकल्प
स्वाधीनता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश वासियों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान के लोगों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। हर गरीब, जरुरतमंद व वंचित को शासन की योजनाओं का लाभ मिले, यह हमारी प्राथमिकता है। विगत साढ़े सात वर्ष में 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, 2.62 करोड़ गरीबों को व्यक्तिगत शौचालय, रसोई गैस के 1.86 करोड़ से अधिक निःशुल्क कनेक्शन दिए गए।
2.65 करोड़ से अधिक परिवारों में पेयजल कनेक्शन और 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर चल रहा है। कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश छह करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाने में सफल रहा है। पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप देश को जीरो पॉवर्टी के अभियान के क्रम को आगे बढ़ाने का प्रदेश सरकार ने भी संकल्प लिया है। हर परिवार का फैमिली आईडी बनाकर शासन की योजनाओं को 100 फीसदी सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए कार्य करेंगे। इसके लिए प्रत्येक परिवार को फैमिली आईडी उपलब्ध कराया जाएगा।
गरीबी उन्मूलन की स्ट्रेटजी और रोडमैप पर हो रहा काम
नीति आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश साल दर साल के कंपोजिट रैंकिंग में देश में प्रथम स्थान पर है। हालांकि, इस प्रदर्शन के बावजूद समस्त गरीब परिवारों तक पहुंच बनाना आसान काम नहीं है। ऐसे में योगी सरकार का मानना है कि अगर कुछ परिवार पीछे छूट गए हों तो उन्हें भी गरीबी उन्मूलन की प्रक्रिया में शामिल करना जरूरी है। इसके लिए सरकार गरीबी उन्मूलन की स्ट्रेटजी व रोडमैप पर भी कार्य कर रही है। इसके अनुसार, चिह्नित परिवारों में अनेक परिवारों की निर्धनता का स्तर अकल्पनीय रूप से खराब पाया गया है।
ऐसे में पहले चरण में आवश्यक है कि सरकार निर्धनतम परिवारों को गरीबी उन्मूलन के लिए विशेष कन्वर्जेंस स्ट्रेटेजी अपनाए। इसके अनुरूप गरीब परिवारों को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा व चिकित्सा जैसी मूलभूत जरूरतों की अनिवार्य रूप से पूर्ति की जानी जरूरी है। इसके अतिरिक्त ऐसी परियोजनाओं की पहचान की जा रही है, जिससे इन परिवारों को सपोर्ट किया जा सकता है। शासन के स्तर पर इसके लिए फंड की व्यवस्था के साथ ही सटीक प्रबंधन पर भी फोकस किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक परिवार के लिए आवश्यक कार्यवाही के स्पष्ट दिशा निर्देश और समयबद्धता को भी महत्व दिया जा रहा है।
रोजगार के साथ ही कौशल विकास पर भी फोकस
सरकार का यह भी मानना है कि सिर्फ सरकारी योजनाओं के समेकित लाभों से संपूर्ण गरीबी उन्मूलन संभव नहीं है। ऐसे में निर्धनतम परिवारों को किसी न किसी रोजगारपरक उपाय से संबद्ध किया जाना भी आवश्यक है, ताकि आमदनी का जरिया सुनिश्चित हो। इसके तहत दूसरे चरण में सतत आमदनी का जरिया निर्धारण करना और साथ ही प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को आजीविकापरक स्किलिंग तथा क्षमता विकास करने पर फोकस है।
इसके लिए उन्हें प्रीमियम स्किल के तहत बाजार की मांग के अनुरूप सुनिश्चित ऋण, बैंक लिंकेज, एंप्लायमेंट लिंकेज जैसी सुविधाओं से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रदेश के विश्वविद्यालयों, कॉलेज तथा प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को इंटर्न के रूप में इम्पैनल करने का भी प्रावधान किया जाएगा। साथ ही बीएमजीएफ के माध्यम से स्थानीय सिविल सोसाइटी संस्थाओं को संबद्ध किया जाना भी प्रस्तावित है। वहीं, स्वतंत्र इवैल्यूएशन के लिए थर्ड पार्टी के रूप में प्रतिष्ठित शोध संस्थानों को इम्पैनल कर मूल्यांकन की व्यवस्था की जा सकती है।