भाजपा विधायक द्वारा बसपा सुप्रिमो मायावती पर टिप्पणी करने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक पर कार्रवाई करने की मांग रखी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रदेश के एक भाजपा विधायक प्रदेश की एक भूतपूर्व महिला सीएम के प्रति कहे गए अभद्र शब्द से दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासकर वंचित-शोषित समाज से आनेवाले लोगों के प्रति कितनी कटुटा भरी है।
राजनीति में मतभेद अपनी जगह और महिलाओं का सम्मान एक जगह
राजनीति में मतभेद अपनी जगह है लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुक़दमा दर्ज होना चाहिए।
महिलाओं के मान सम्मान को गहरी ठेस
भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का है।
हमने उन्हें बनाया था, हमारी गलती
बता दें कि एक टीवी डिबेट के दौरान भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने कहा था कि मायावती पहली बार भाजपा के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बनी थीं। हमने उन्हें बनाया था। ये हमारी गलती थी। आगे उन्होंने कहा कि वो प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री रही हैं। इस पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई है।
मायावती की प्रतिक्रिया
इस पर मायावती ने एक्स पर टिप्पणी कर अखिलेश यादव के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया ने मथुरा के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बसपा प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है, उसके लिए पार्टी आभारी है। पार्टी को भाजपा के इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उसकी अब भाजपा में कोई पूछ नहीं रही है। इसलिए वह बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करके सुर्खियों में आना चाहता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे। यदि वह दिमागी तौर पर बीमार है तो उसका इलाज भी जरूर कराए। वरना इसके पीछे बीजेपी का कोई षडयंत्र है, यह कहना भी गलत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा अपने विधायक के विरुद्ध कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उसकी जमानत जब्त करा कर तथा वर्तमान में होने वाले 10 उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।