Lucknow: सिंचाई विभाग में ऑनलाइन तबादले के संबंध में महाघोटाला सामने आ रहा है। इन तबादलों में भ्रष्टाचार में संलिप्त सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों को जातिगत के आधार पर मलाईदार पद दिए जा रहे हैं। वहीं विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव की भूमिका संदिग्ध है।
उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी के अंतर्गत विभागीय तबादले जारी है। जो 30 जून तक होंगे लेकिन बात अगर सिंचाई विभाग की करे तो इन ऑनलाइन तबादलो में महाघोटाले की बू आ रही है पहले अधीक्षण अभियंता फिर अधिशासी अभियंता एवं सहायक अभियंता और अब अवर अभियंता के तबादले किये जा रहे है।
जो अभियंता कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार है उनको दरकिनार किया जा रहा है और जो अभियंता जातिगत आधार एवं भ्रष्टाचार में लिप्त है उनको मलाईदार पद पर तैनाती दी जा रही है निश्चित रूप से सिंचाई विभाग के तबादलों में एक भारी भ्रष्टाचार साफ दिख रहा है ऐसे में ऑनलाइन तबादलों का क्या महत्व है एक जाति विशेष के भ्रष्ट लोगो की तैनाती की जा रही है साथ ही तीन वर्ष पूरा करने वालो को भी नही हटाया जा रहा है।
इससे साफ जाहिर होता है चहेतो को रबड़ी एवं गैरो को सितम किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। सहायक अभियंता के लगभग 900 तबादले किये जा रहे है इतने बड़े पैमाने पर तबादले की क्या आवश्यकता है जबकि शासनादेश के आधार पर केवल 20 फीसदी ही तबादले करने है। निश्चित रूप से सिंचाई विभाग के ऑनलाइन तबादलों में भारी भ्रष्टाचार दिख रहा है इसकी उच्च स्तरीय जांच होना अति आवश्यक है क्या मुख्यमंत्री जी इसका संज्ञान लेंगे इस मामले में जलशक्ति मंत्री और प्रमुख सचिव की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है।