बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को लखनऊ में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बसपा में केवल उन्हीं लोगों को आगे बढ़ाया जाएगा, जो बहुजन समाज के हित में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे लिए मेरे रिश्तेदार, भाई-बहन सभी बहुजन समाज के अन्य लोगों के बराबर हैं। पार्टी में उन्हीं को स्थान मिलेगा, जो पार्टी हित में काम करेगा। व्यक्तिगत संबंध इसमें बाधा नहीं बनेंगे।”
सामाजिक परिवर्तन को लेकर दिया बड़ा बयान
मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल राजनीतिक दल जनहित के मुद्दों से भटककर स्वार्थ की राजनीति में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने इसे चिंताजनक बताते हुए बहुजन समाज को अपने अधिकारों के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बसपा का मूल उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन और जातिवादी मानसिकता को खत्म कर बहुजन समाज को सम्मान दिलाना है।
कांशीराम की जयंती से मिला बल
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हाल ही में बसपा कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में कांशीराम की जयंती मनाई। इससे न केवल पार्टी को मजबूती मिली, बल्कि कांशीराम के विचार भी समाज तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार ने जब उत्तर प्रदेश में शासन किया, तब सामाजिक परिवर्तन को वास्तविक रूप से लागू किया गया।
बसपा सरकार ने दिलाया बहुजन समाज को बराबरी का अधिकार
मायावती ने 2007 में उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार बनने के बाद हुए बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार से पहले बहुजन समाज के लोगों को सामान्य लोगों की तरह कुर्सी या चारपाई पर बैठने का भी अधिकार नहीं था। लेकिन बसपा सरकार ने इस असमानता को खत्म कर उन्हें समान अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि यह वास्तविक सामाजिक परिवर्तन था और बहुजन समाज को इसे याद रखना चाहिए।
जातिवादी दलों के मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे
मायावती ने विपक्षी दलों पर बसपा को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता रखने वाली पार्टियां हमेशा से बहुजन समाज की एकमात्र पार्टी बसपा को खत्म करने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कुछ दलों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों को समाप्त करने की कोशिश की थी, लेकिन बाबा साहेब और कांशीराम जी ने उनके इरादों को नाकाम कर दिया।
अब बसपा भी बहुजन समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से खड़ी रहेगी और किसी भी जातिवादी दल के मंसूबों को सफल नहीं होने देगी। मायावती ने बहुजन समाज के लोगों से संगठित रहने और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की।