यूपी की बात की टीम जब सीएम योगी के गृह जिले स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जिला चिकित्सालय पहुंची तो वहां सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर बट्टा लगता हुआ दिखा। एसआईसी के हंटर चलने के बाद भी डाक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। जिसको लेकर यूपी की बात की टीम ने जब मरीजों और तीमरदारों से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा। अस्पताल में इलाज कराने आए लोग कहने लगे कि हम गरीब आदमी इस आशा में अस्पताल आते हैं कि एक रुपए की पर्ची पर अच्छी इलाज और दवा मिलेगी। लेकिन डाक्टर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं और हम मजबूरी में दवा खरीद रहे हैं।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जिला चिकित्सालय में इलाज कराने आए मरीजों का कहना है कि डॉक्टर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। यूपी की बात के गोरखपुर ब्यूरो प्रदीप आनंद श्रीवास्तव ने जब मरीज शिवेंद्र गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अंदर से दो दवा देने के बाद बाहर की कई दवाईयां लिख दी हैं। उन्होंने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल स्टोर का नाम भी बताया गया है कि कहां से दवा लेनी है। मुन्नू खान नाम के एक मरीज ने बताया कि बाहर की दवा लिखी गई है। ऐसे में एक और जहां सरकार दावा कर रही है कि सूबे के किसी भी सरकारी अस्पताल में बाहर की दवाएं नहीं लिखी जा रही हैं, वहां ऐसी तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल ही में कुछ मामलों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं। अभी हाल ही में कुशीनगर जिला अस्पताल का मामला सामने आया था। जहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को बाहर की दवाई लिखी जा रही थी। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लिया और सीएमओ को संबंधित डॉक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसकी जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से भी शेयर किया था।