वाराणसी में पहली बार पैरा पाइथियन गेम्स का आयोजन किया जाएगा। यह ऐतिहासिक खेल आयोजन 1 से 3 दिसंबर 2025 तक शहर के चार प्रमुख स्टेडियमों और सात स्कूलों के खेल मैदानों पर होगा। इस प्रतियोगिता में 93 देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का महत्वपूर्ण आयोजन बनाएगा।
इस आयोजन की जानकारी दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा ने दी। उन्होंने बताया कि आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं और खेल मैदानों की सूची तैयार कर आयोजन समिति को भेज दी गई है। जिला प्रशासन को भी इस आयोजन से संबंधित जानकारी दे दी गई है।
पैरा पाइथियन गेम्स की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
पैरा पाइथियन गेम्स की शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हुई थी, जब ओलंपिक खेलों के साथ कला, संस्कृति और पारंपरिक खेलों को भी इसमें शामिल किया गया था। हाल ही में, 2023 में ग्रीस में पहले पैरा पाइथियन गेम्स का आयोजन हुआ था, जिसमें 22 देशों के खिलाड़ी शामिल हुए थे। इस बार यह आयोजन और भी भव्य होगा, क्योंकि 93 देशों के खिलाड़ी इसमें भाग लेने आ रहे हैं। यह आयोजन न केवल खेल प्रतियोगिताओं तक सीमित रहेगा, बल्कि यह दिव्यांग खिलाड़ियों और कलाकारों को एक ऐतिहासिक मंच प्रदान करेगा।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समर्थन
इस प्रतियोगिता को इंटरनेशनल डेल्फिक काउंसिल (रूस) और इक्यूमेनिकल डेल्फिक यूनियन (ग्रीस) का समर्थन मिला है, जिससे इस आयोजन का महत्व और बढ़ गया है। इसके अलावा, आयोजन समिति में पैरा गेम्स पाइथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव महेंद्र सिंह और दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग के राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. संजय चौरसिया शामिल हैं, जो इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
वाराणसी को मिलेगा वैश्विक पहचान
यह पहला अवसर है जब वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर में पैरा पाइथियन गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन से शहर को वैश्विक खेल मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी और दिव्यांग खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन अवसर मिलेगा।