यूपी में हो रही बारिश कई विभागों का पोल खोल दी है। सीएम योगी का निर्देश है कि अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक जनता की संतुष्टि और उसके फीडबैक से तय होगा। जबकि दूसरी ओर नोएडा विकास प्राधिकरण के कामों की पोल खुल गई है। अभी हाल ही में सीएम योगी ने नोएडा और एक्सटेंशन को जोड़ने वाले पर्थला चौक पर बने सिग्नेचर ब्रिज का लोकार्पण किया था। एक महीना भी नहीं बीता है कि फ्लाईओवर की सड़कें धंसने लगीं और प्राधिकरण के दावों की सच्चाई सामने आ गई।
आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-121 (पर्थला) में बने केबल सस्पेंशन ब्रिज की आवश्यकता उस पैमाने पर नहीं थी जितनी तेजी से इसको बनाया गया। इसके बनने के दौरान लंबे वक्त से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ब्रिज की जगह अगर अंडर पास बनाया जाता तो कम लागत में लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल जाती। वहां इतनी जगह है कि अगल-बगल की रोड को चौड़ी कर जाम से मुक्ति मिल सकती थी। लेकिन भारी भरकम बजट पास कर ब्रिज का निर्माण कराया गया। अब रोड धंसने से इस बात की पुष्टी हो गई कि बंदरबांट की गई है।
नोएडा के सेक्टर-121 स्थित इस केबल सस्पेंशन ब्रिज की लंबाई 600 मीटर है। प्राधिकरण इस ब्रिज के निर्माण के लिए तकरीबन 80 करोड़ 11 लाख रुपये खर्च किए हैं। जिसकी सड़कें धंसने से प्राधिकरण का विकास मानक सबके सामने आ गया। प्राधिकरण के एक अधिकारी के अनुसार इस पुल में कोई खराबी नहीं है। कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कुछ जगह सड़क फूल गई है, जिसको जल्द ही मरम्मत करा दिया जाएगा।
सीएम योगी अभी पिछले महीने की 25 जून को गौतमबुद्ध नगर के भ्रमण पर आए थे। इस नवनिर्मित पर्थला सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन किया था और इसे क्षेत्रवासियों को समर्पित कर दिया था। अधिकारी का कहना है कि इस सिग्नेचर ब्रिज के बन जाने के बाद से सेक्टर- 51, 52, 61, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121, 122 और किसान चौक समेत दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ आने-जाने वालों को भी काफी सहूलियत मिली है। लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिली है।
नोएडा से संवाददाता यूनुस आलम की रिपोर्ट।