लखनऊ: उत्तर प्रदेश को विकास व उन्नति के नए पथ की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार प्रदेश में अल्प विकसित व मलिन बस्तियों में विकास कार्यों को पूर्ण करने पर भी फोकस कर रही है। मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत अमरोहा तथा देवरिया में 28 व फर्रुखाबाद, अयोध्या, मीरजापुर, पीलीभीत व गाजियाबाद में 70 विकास कार्यों पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। इस क्रम में, नगरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है तथा शासन से भी इस क्रम में धनराशि आवंटन के अंतर्गत पहली किस्त जारी करने की प्रक्रिया को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है।
करोड़ों की धनराशि जारी
देवरिया के सलेमपुर, रुद्रपुर, भलुअनी, रामपुर कारखाना व गौराबरहज में कुल 22 इंटरलॉकिंग, सीसी रोड व नाली निर्माण की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 6.89 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसमें से पहली किस्त के तौर पर 75 प्रतिशत धनराशि आवंटन का मार्ग प्रशस्त करते हुए कुल 5.17 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। अमरोहा में विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए 1.59 करोड़ रुपए के सापेक्ष 1.19 करोड़ तथा देवरिया में 5.30 करोड़ रुपए के सापेक्ष 3.98 करोड़ रुपए की धनराशि पहली किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है।
कई जिलों में विकास परियोजनाओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू
इस योजना के अंतर्गत फर्रुखाबाद, अयोध्या, मीरजापुर, पीलीभीत व गाजियाबाद में 70 विकास परियोजनाओं को पूर्ण करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए 12.03 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसमें से पहली किस्त के तौर पर 40 प्रतिशत यानी 4.81 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। इसमें फर्रुखाबाद में कुल 14 अलग-अलग परियोजनाओं की पूर्ति के लिए 7.7 करोड़ रुपए के सापेक्ष 3.1 करोड़ रुपए, अयोध्या में कुल 15 परियोजनाओं के लिए 1.35 करोड़ रुपए के सापेक्ष 54 लाख रुपए, मीरजापुर में 3 परियोजनाओं के लिए 91.12 लाख रुपए के सापेक्ष 36.44 लाख, पीलीभीत में 9 परियोजनाओं के लिए 1.12 करोड़ रुपए के सापेक्ष 45.09 लाख रुपए तथा गाजियाबाद में 29 परियोजनाओं के लिए 6.05 करोड़ रुपए के सापेक्ष 2.42 करोड़ रुपए की धनराशि पहली किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है। इन सभी कार्यों को उत्तर प्रदेश शासन की रूलबुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा। निश्चित तौर पर धनराशि आवंटन के बाद इन क्षेत्रों में जारी विकास की परियोजनाओं व निर्माण कार्यों को गति देने का मार्ग प्रशस्त होगा।