कुशीनगरः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फाजिलनगर की घोर लापरवाही से मरीज की जान चली गई। तमकुहीराज ब्लॉक के गांव बलुआ समशेर शाही निवासी 17 वर्षीय बबलू की 31 मई को अचनाक तबीयत खराब हुई तो उसे सीएचसी फाजिलनगर भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर किया। अस्पताल ने मरीज के परिजनों को खटारा एम्बुलेंस थमा दी। जो अस्पताल से महज 100 मीटर दूर चलने के बाद खराब हो गई। घंटों धक्का मारने के बाद भी एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। परिजनों ने दूसरी एम्बुलेंस की मांग की लेकिन कर्मचारी आश्वासन देते रहे। इसी बीच मरीज की मौत हो गई। घटना के मुताबिक 31 मई को अचानक बबलू की तबीयत खराब हो गई थी। परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन किया, एम्बुलेंस ने पुहंचकर मरीज को नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फाजिलनगर पहुंचाया गया था। फिलहाल मुख्य चिकित्साधिकारी ने मामले की जांच कराने के बाद दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही है।
अगर हम जिले में सरकारी एम्बुलेंसों की बात करें तो कुशीनगर की एम्बुलेंसों का बुरा हाल है। एम्बुलेंसों के लिए जो मानक बनाए गए हैं। उन मानकों पर ये एम्बुलेंस खरी नहीं उतरती हैं। जिले में कुल 75 एम्बुलेंस है जिनमे 4- ALS, 34- BLS, और 37- एम्बुलेंस 102 कार्य कर रही हैं। अस्पतालों में सुविधाओं की घोर कमी है जिसे समय रहते पूरा नहीं किया जाता है। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।
कुशीनगर से संवाददाता गोविंद पटेल की रिपोर्ट