लोकसभा चुनाव का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार! रोड नही तो वोट नही स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर किया जोरदार प्रदर्शन ,जमकर हुई नारे बाजी ग्राम प्रधान से लेकर ग्रामीणों तक का खुला आरोप पिछले 25- 30 सालों से नहीं बनी गांव की सड़क MP, MLA आकर दे जाते हैं कोरा आश्वासन योगी सरकार के गड्ढा मुक्त दावों की भी खुल रही है पोल।
उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां तमाम जिलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं तो वहीं बात अगर जनपद मुजफ्फरनगर कि की जाए तो यहां मुजफ्फरनगर में स्थित एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले 25-30 सालों से सड़क निर्माण नहीं हुआ है जिसके चलते अब लोकसभा क्षेत्र बिजनौर एवं विधानसभा क्षेत्र मोरना अंतर्गत गांव तिस्सा के ग्रामीणों द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर “रोड नही तो वोट नही” को लेकर जमकर नारे बाजी की है।
यहां ग्राम प्रधान से लेकर ग्रामीणो तक ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों सहित एमपी एमएलए तक पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं उनका आरोप है कि पिछले 25-30 सालों से गांव की सड़क नहीं बनी है जिस कारण ग्रामीणों को गांव से शहर आने जाने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां वोट मांगने तमाम एमपी एमएलए आते रहते हैं लेकिन इस बार ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार किया है।
दरअसल पूरा मामला बिजनोर लोकसभा एंव मीरापुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भोपा थाना क्षेत्र के गांव तिस्सा का है जहां आज सैंकड़ों ग्रामीणों ने गांव की सड़कें न बनने पर जोर दार नारे बाजी एंव धरना प्रदर्शन कर लोक सभा चुनाव 2024 का बहिष्कार किया है।
धरना प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों का आरोप है की चुनाव के दौरान गांव में जहां प्रत्याशी जनता के बीच जाकर विकास के सैंकड़ों वादे कर रहे हैं तो वहीं जनता ने भी अपनी मांगों को लेकर अब नया रुख अख्तियार कर लिया है। यहां वर्षों की सड़क मांग के बावजूद भी समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है जिसके चलते तिस्सा गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग कर गांव के बस स्टेण्ड पर धरना देकर 2024 के लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी।
बता दें मुज़फ्फरनगर जिला मुख्यालय से 24 km दूर मोरना ब्लॉक् के गाँव तिस्सा में बस स्टेण्ड पर इकट्ठा होकर सैंकड़ों ग्रामीणों ने रोड नही तो वोट नही के नारे के साथ जोर दार धरना प्रदर्शन किया है धरने का नेतृत्व कर रहे किसान नेता चौ.बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि आजादी के समय से आज तक भोपा तिस्सा मार्ग की हालत खस्ता बनी हुई है। वर्षों से ग्रामीण यहां मार्ग निर्माण की माँग सांसद,विधायक,जिला पंचायत अध्यक्ष, व प्रशासनिक अधिकारियों से कर चुके है लेकिन समाधान आज तक नही हुआ है जिस कारण तंग आये जंग आये की तर्ज पर अब ग्रामीण आंदोलन को मजबूर हैं और आगामी लोकसभा चुनाव का ग्रामीण बहिष्कार करने की बात कह रहे है।
तो वहीं ग्राम प्रधान पति राजेन्द्र सिंह ने बताया कि टूटे हुए मार्ग के कारण गांव के स्कूली बच्चों सहित ग्रामीणों को शहर जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है यहीं नही गांव के बच्चों के रिश्ते होने में भी दिक्कते आ रही है खस्ताहाल मार्ग के कारण गांव विकास में पिछड़ रहा है। क्षेत्र के आधा दर्जन गांव को जोड़ने वाले इस मार्ग के निर्माण के प्रति शासन प्रशासन का उदासीन रवैया भी ठीक नही है जिस कारण ग्रामीणों को मजबूर होकर चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लेना पड़ा है।
समाज सेवी जावेद अब्बास ने बताया कि मार्ग के टूट जाने के कारण अब गांव में बस भी नही आती जाती है जनप्रतिनिधि चुनाव के दौरान यहां आकर झूठे आश्वासन देकर चले जाते हैं अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर ग्रामीण अपनी नाराजगी प्रकट करेंगे। इसके अलावा गांव टंढेडा में भी मार्ग के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत कर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है चुनाव के समय लगातार हो रहे धरने प्रदर्शन आदि को लेकर जहाँ सरकार की किरकिरी हो रही है तो वहीं डेमेज कंट्रोल के लिये एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकी जा रही है एन वक्त पर नकारात्मक बन रहे माहौल से प्रत्याशियों में भी बेचेनियाँ बढ़ने लगी हैं।
ग्रामीणों की माने तो यहां लोकसभा क्षेत्र बिजनौर के तीन प्रत्याशी मैदान में है जिसमें भाजपा – रालोद गठबंधन प्रतियाशी चंदन चौहान, समाजवादी पार्टी से दीपक सैनी, और बहुजन समाज पार्टी से बिजेंद्र चौधरी शामिल है तीनों ही प्रत्याशी गांव दर गांव अपने प्रचार प्रसार में लगे हैं और सड़क निर्माण के भी ग्रामीणों को झूठे वादे कर रहे हैं। ग्रामीणों का खुला आरोप है कि यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गड्ढा मुक्त दावों की भी खुलेआम पोल खुल रही है अब देखना होगा कि आखिर क्या ग्रामीणों की मांगे पूरी होगी या फिर ग्रामीण अपनी बात पर अडिंग रहेंगे।