लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बात करें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद लोकसभा संसदीय सीट की तो यहां पर जनता का मूड बदला-बदला लग रहा है। यूपी की बात की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर सियासी माहौल जानने की कोशिश की। आइए जानते हैं कि क्या इस बार तीन-तीन प्रधानमंत्री देने वाली संसदीय सीट पर माहौल क्या है?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर ‘यूपी की बात’ की टीम ने चुनावी माहौल जानने की कोशिश की। जहां स्थानीय लोगों ने बताया कि भाजपा सरकार में महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल-डीजल हो या घरेलू गैस या फिर घरेलू चीजें हो सभी वस्तुओं पर बहुत महंगाई की मार आम लोगों को ही झेलनी पड़ रही है। जबकि कुछ लोगों ने भाजपा के शासन में अच्छी व्यवस्था की बात कहते हुए आगे कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों को फ्री राशन दिया है, रहने के लिए आवास मुहैया कराया है, शौचालय दिया गया है।
भाजपा सरकार में ऐसे कई सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंच रहा है जो पहले बिचौलिए खा जाते थे, सरकार ने उत्तर प्रदेश को खुशहाल प्रदेश बना दिया है। कुल मिलाकर इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। इस सीट पर 2019 में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने 4 लाख 94 हजार मत से आगे निकलकर सीट पर विजय फटह की थी। जबकि दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के राजेंद्र पटेल को 3 लाख 10 हजार वोट मिले थे।
कभी इलाहाबाद संसदीय सीट कांग्रेस का गढ़ रहा
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस सीट पर करीब 20 लाख मतदाता हैं। इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से बसपा ने अभी तक अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। इस बार भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं। नीरज त्रिपाठी हाई कोर्ट के अधिवक्ता हैं, नीरज त्रिपाठी पश्चिम बंगाल पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं और वो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से उज्जवल रेवती रमण सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। उज्वल रमन सिंह करछना विधान सभा के विधायक भी रह चुके हैं। सपा सरकार में उज्वल रमन सिंह मंत्री भी रहे। उज्वल रमन सिंह कुंवर रेवती रमण सिंह के बेटे हैं, रेवती रमण सिंह करछना विधान सभा से 8 बार विधायक रह चुके हैं। रेवती रमण सिंह समाजवादी पार्टी से इलाहाबाद लोकसभा से सांसद भी रहे हैं और इनकी जमुनापार में अच्छी पैंठ भी है। उधर कांग्रेस ने इलाहाबाद लोक सभा सीट पर 1984 के बाद से चुनाव नहीं जीता है।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आम चुनाव 2024 में तीन-तीन प्रधानमंत्री देने वाली सीट पर क्या है चुनावी समीकरण रहने वाला है और कौन इस सीट पर बाजी मारकर अपना राजतिलक करेगा। खैर इस सीट पर किसकी होगी जीत ये तो 4 जून को ही पता चलेगा।