रविवार को वाराणसी से आजमगढ़ जाने से पहले BLW गेस्ट हाउस में Pm Modi ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्रियों और पदाधिकारियों समेत 8 से 10 नेताओं के साथ घंटे भर बात करी और चुनाव के तैयारियों के बारे में जानकारी ली है और लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वांचल के सीटों पर मंथन भी किया है। ऐसे में उन्होंने कहा कि आप जनता के बीच जाकर ही काम कर सकते हैं बाहर रहकर जनता के प्रतिनिधि नहीं बन सकते हैं।
सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी ने मंत्रियों को नसीहत भी दी है कि ग्राउंड स्तर पर पार्टी नेता कार्यरत हो जाएं और ग्राउंड कनेक्शन पर भी ध्यान देने को कहा है। ऐसे में जनता के बीच जाकर अपने पार्टी की नीतियों के बारे में बताएं और जागरूक करें।
गांव की ओर चलो अभियान के तहत ऐसे कई योजनाएं जनता तक नहीं पहुँच पा रही हैं जिसकी शुरुआत सरकार ने आम जनता के लिए किया है। लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसके साथ ही Pm ने भाजपा के पूर्व मंत्रियों, पूर्व एमएलसी के साथ-साथ पूर्व विधायकों को अपने कनेक्शन फिर से जोड़ने की बात पर जोर दिया है।
वाराणसी में ज्यादातर यह देखा गया है कि भाजपा के नेता पीएम मोदी के फेस और राम मंदिर को ही जीत का जरिया मान लिया है जिससे जनता और जनता के प्रतिनिधियों के बीच दूरी बड़ती जा रही है। इससे जनता की कई योजनाओं का अच्छा फीडबैक नहीं मिला है। केवल सोशल मीडिया पर ही ज्यादा प्रचार प्रसार देखने को मिला है।वहीं जनता को योजनाओं के बारे में पता ही नहीं है और वह सरकार के कार्यों के प्रति गलत फीडबैक की धारणा बना कर रखे हुए है। इससे तो यही संदर्भ प्रस्तुत हो रहा है कि योजनाएं केवल सोशल मीडिया पर घूम रहीं हैं पर जमीनी स्तर पर इसकी स्थिति कुछ और ही है।
पीएम मोदी के रोड शो में भी पिछले बार जैसा जनता का माहौल देखने को नहीं मिला। हाँ, काशी विश्वनाथ मंदिर में मोदी ने त्रिशूल उठा कर कुछ सुर्खियां जरूर बटोरी। पर वहीं, ऐसा भी देखा गया कि कई पूर्व विधायक और मंत्री मोदी के फेस को लेकर इतना अश्वस्त हो गए हैं कि मोदी को उनके कर्तव्यों और आम जनता के प्रति निष्ठा के बारे में बताना पड़ रहा है।
इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, जिला अध्यक्ष हंसराज, काशी प्रांत के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राय समेत कुछ और पूर्व नेता और मंत्री मोदी के इस आयोजन में मौजूद थे।