उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के दौरान ‘जुड़ेंगे…कटेंगे’ के नारे पर राजनीतिक गरमागरमी बढ़ चुकी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) वोट के लिए जिहादियों का समर्थन करती है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस नारे को इतिहास का सबसे खराब बताया था।
इस बयानबाजी के मुकाबले में डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि सपा जिहादी तत्वों का समर्थन करके वोट बैंक की राजनीति करती है। बसपा सुप्रीमो मायावती सहित अन्य प्रमुख दलों के नेतागण भी इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं।
प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनाव में अब मात्र 9 दिन बचे हैं। इस दौरान, जनता के मुद्दों के बजाय सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने ‘जुड़ेंगे…कटेंगे’ के नारे पर ध्यान केंद्रित कर लिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस नारे के जरिए धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है, जबकि सपा इसे पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के समर्थन के रूप में देख रही है। अब यह देखना होगा कि 23 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम किसके पक्ष में होते हैं।
केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को एक्स प्लेटफॉर्म के जरिए कहा कि सपा का असली मकसद मुस्लिम तुष्टीकरण और जिहादी तत्वों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि प्रेम जिहाद, भूमि जिहाद और वोट जिहाद जैसी बातें समाज को बांटने की राजनीति का हिस्सा हैं। क्या यही अखिलेश यादव के समरसता की सच्चाई है?
सपा कार्यालय के बाहर शनिवार रात लगाए गए एक पोस्टर ने भी ध्यान खींचा। इस पोस्टर में लिखा था- मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे… पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी। इससे एक दिन पहले मायावती ने कहा था कि बसपा से जुड़ने पर तरक्की और सुरक्षा मिलेगी, और उन्होंने इस पोस्टरबाजी को थोथा करार देते हुए लोगों से बसपा का समर्थन करने की अपील की थी।