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UP NEWS : नजूल भूमि विधेयक पर गरमाई राजनीति, मोर्चा खोलने में अपने भी रहे आगे!

उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति, 2024 विधेयक को पारित हुआ, तो इस विधेयक को लेकर बीजेपी के अपने विधायकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्ष बाजपेयी ने इस विधेयक में संशोधन का सुझाव दिया। समाजवादी पार्टी के अलावा, कांग्रेस पार्टी की आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल  के राजा भैया ने इसमें संशोधन की मांग रखी।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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UP NEWS : नजूल भूमि विधेयक पर गरमाई राजनीति, मोर्चा खोलने में अपने भी रहे आगे!

लखनऊः यूपी विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच बुधवार को उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति, 2024 विधेयक को पारित हुआ, तो इस विधेयक को लेकर बीजेपी के अपने विधायकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्ष बाजपेयी ने इस विधेयक में संशोधन का सुझाव दिया। समाजवादी पार्टी के अलावा, कांग्रेस पार्टी की आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल  के राजा भैया ने इसमें संशोधन की मांग रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कानून लाने से लाखों लोग बेघर हो सकते हैं और लोग सड़कों पर आ जाएंगे।

सार्वजनिक कार्यों में उपयोग होगी नजूल भूमि

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में नजूल संपत्ति विधेयक 2024 को पेश किया, जिसमें उन्होंने कहा कि नजूल सम्पत्ति पर यह पहला कानून है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनहित में सार्वजनिक कार्यों के लिए भूमि का प्रबंध करने में काफी वक्त लग जाता है। ऐसे में अब सार्वजनिक कामों के लिए नजूल सम्पत्ति का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि इसमें वन, सिंचाई और कृषि विभाग शामिल नहीं किया जाएगा।

प्रयागराज के लोगों की बढ़ी बेचैनी

संगम नगरी प्रयागराज में सबसे अधिक नजूल भूमि है। यहां का एक तिहाई शहर ही नजूल भूमि पर बसा हुआ है। सिर्फ शहरी इलाके में करीब एक लाख घर से अधिक मकान नजूल भूमि पर बने हैं। इस भूमि पर करीब पांच लाख लोग गुजर-बसर कर रहे हैं। यही कारण है कि विधेयक पास होने के बाद प्रयागराज के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है।

नजूल पट्टे के क्या हैं नियम?

नजूल सम्पत्ति विधेयक में यह प्रावधान है कि अगर किसी ने कोई नजूल सम्पत्ति को पट्टे पर लिया है। अगर वह नियमित रूप से पट्टे के किराए का भुगतान करता है और पट्टा अनुबंध के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है, तो अनुबंध का नवीनीकरण 30 साल के लिए कर दिया जाएगा। पट्टा अनुबंध का समय पूरा हो जाता है, तो वह फिर सम्पत्ति सरकार के पास आ जाएगी। इसके अलावा अगर पट्टा अवधि के खत्म होने के बाद नजूल जमीन का उपयोग कर रहा है, तो उसके पट्टे के किराये का निर्धारण जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा।

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