प्रियंका गांधी के पति और सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के एक बयान ने अमेठी के राजनीतिक हवाओं के गर्म कर दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वे राजनीति में पहला कदम अमेठी संसदीय सीट से रखें क्योंकि उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राजनीति में अपना पहला कदम 1999 में यहीं से चुनाव प्रचार करके किया था।
आम चुनाव 2024 के सियासी दांव-पेंच के बीच अमेठी संसदीय सीट से कांग्रेस के दावेदारों की रेस में गुरुवार को एक और प्रतिनिधि का नाम जुड़ता दिख रहा है। जहां पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा का बयान इंटरनेट पर छाया हुआ है। जिसमें वह कहते हैं कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम वहीं से रखूं और सांसद बनूं जहां से उनकी पत्नी प्रियंका वाड्रा ने 1999 में अपना पहला चुनावी प्रचार किया था। उनके इस बयान ने जिले के सियासी माहौल को एक बार फिर चढ़ा दिया है।
कभी गांधी परिवार के किले के रूप में जाने वाले अमेठी में, वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी को भाजपा की प्रत्याशी स्मृति जुबिन ईरानी ने 55 हजार 120 मतों के मतों से मात दे दिया था। अब जब 2024 के आम-चुनाव का बिगुल बज चुका है तो ऐसे में अभी तक भाजपा ने ही अपने उम्मीदवार का एलान किया है और स्मृति जुबिन ईरानी को एक बार फिर इस सीट से उतारा है। जबकि कांग्रेस या बसपा ने अभी तक यहां से किसी भी प्रत्याशी का नाम सामने नहीं लाया है।
लेकिन अब इस सीट में सबसे ज्यादा बात कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर सामने आ रही है। दरअसल, ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं कि यहां के स्थानीय कांग्रेसियों राहुल गांधी को चाहते हैं कि इस सीट से वे प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरें। लेकिन उन्होंने पहले से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वे केरल के वायनाड सीट से लड़ेंगे और इसके लिए वे नामांकन भी भर चुके हैं।
फरवरी में न्याय यात्रा पर आए राहुल गांधी चुनाव लड़ने के मुद्दे पर चुप रहे, पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे ने इस बात का जरूर संकेत दिया था कि राहुल यहां से लड़ सकते हैं। ऐसे में अब राबर्ट वाड्रा के बयान के सभी पहलुओं को जानने के लिए लोग आतुर हैं। जबकि कांग्रेस के अमेठी जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल इस बारे में कुछ कहने से फिलहाल अभी बच रहे हैं।