प्रयागराज के स्वरुप रानी नेहरु चिकित्सालय में समस्याओं की पहाड़ टूट पड़ा है वहीं जब यूपी की टीम प्रयागराज के मेडिकल कालेज में पहुंची तो अस्पताल के गेट के बाहर मानवता को शर्मशार करने वाली घटना देखने को मिली। इसी के साथ अस्पताल में तमाम खामियां और लापरवाहियां भी हमारी टीम को नजर आई।
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरुप रानी नेहरु चिकित्सालय का बुरा हाल है। अस्पताल की हालत इतनी लचर है कि अस्पताल के गेट पर लेटे इस व्यक्ति के दोनों पैर कटे हुए हैं। फिलहाल इस मरीज को अस्पताल के अंदर तक ले जाने वाला कोई नहीं है। इस बात से अस्पताल प्रशासन तो दूर यहां के डॉक्टर भी बेख़बर नजर आए। जब यूपी की बात की टीम ने लोगों से बात की तो यहां लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अस्पताल के डॉक्टर ज्यादातर दवाइयां बाहर से मेडिकल स्टोर के लिए लिख रहे हैं। तमाम लापरवाहियों के चलते गंभीर मरीजों को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है। हालात ये हैं कि अस्पताल में मेडिकल माफिया हावी हैं। अस्पताल के चिकित्सकों की मिलीभगत से मरीजों की जेब काटकर प्राइवेट मेडिकल स्टोर को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
वहीं अस्पताल में मरीज और तीमारदार को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। अस्पताल में भर्ती मरीज़ों के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में मरीजों को दाल के नाम पर मानकों के विपरीत सिर्फ पीला पानी दिया जाता है। जिसे कई मरीज और उनके परिजन लेने से मना तक कर देते हैं। इसके अलावा मरीज के परिजनों ने अस्पताल में कई खामियां बताई।
वहीं जब यूपी की बात की टीम ने मरीजों से बात की तो अस्पताल में भर्ती मरीजों ने कहा कि उनके इलाज के लिए दो लाख रुपए मांगें जा रहे हैं। गंभीर मरीजों को समय से भर्ती नहीं किया जा रहा है। अस्पताल के मरीजों ने क्या कहा। आप खुद ही सुन लीजिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के तमाम प्रयास कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में सभी दवाइयां मुफ्त देने का दावा किया जा रहा है. लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते सरकारी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन जब डॉक्टर ही मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार करने लगे तो ऐसे में मरीज किस पर भरोसा करें।
अस्पताल में तमाम सुख सुविधाओं की कमी है। मेडिकल माफियों से मिलीभगत के चलते डॉक्टर मोटा मुनाफा तो कमा रहे हैं, वहीं मरीजों का हाल बेहाल है। इस मामले में अधिकारी कुछ को तैयार नहीं हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल योगी सरकार के मंसूबे पर पानी फेर रहा है। लेकिन स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्रवाई होगी।